छतरपुर जसं। कलेक्टर संदीप जी आर ने बुधवार को छतरपुर जिले के राजस्व अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा करते हुये कहा कि राजस्व प्रकरण के निराकरण में जिले का स्तर ऊँचा उठाये और टीम भावना से कार्य करते हुये आम लोगों की राजस्व संबंधी समस्याओं का समाधान करें। कलेक्टर, एडीएम कोर्ट में भी राजस्व प्रकरण 6 माह से अधिक लंबित न रहे। सिटीजन बेस सर्विस को और बेहतर करें। कलेक्टर ने कड़े निर्देश दिए कि पटवारी मुख्यालय पर ही रहे, जिस क्षेत्र में मुख्यालय पर पटवारी नहीं पाये जाएगें वहां के तहसीलदार के खिलाफ कार्यवाही होगी। राजस्व की संबंधी शिकायतों के निराकरण के लिये डेली डेश-बोर्ड बनाये और दिन प्रतिदिन की जानकारी अपडेट करते रहे। शासकीय भूमि से अनाधिकृत रूप से किये गये अवैध कब्जे को हटाऐ और संबंधित के खिलाफ कार्यवाही भी करें। बैठक में एडीएम प्रेम सिंह चौहान सहित एसडीएम डी.पी. द्विवेदी, पीयूष भट्ट, विनय द्विवेदी, सुरेश परमार, राहुल सिलाड़िया सहित तहसीलदार, नायब तहसीलदार, अधीक्षक भू-अभिलेख उपस्थित रहे।

कलेक्टर ने कहा कि 1-2 वर्षाे के लंबित राजस्व प्रकरणो को अगली आरओ बैठक तक शून्य करें। सब डिवीज़न में किसी भी स्थिति में 5 वर्षाे के प्रकरण लंबित न रहे। एडीएम तहसीलदार के पास लंबित प्रकरण की साप्ताहिक समीक्षा करें। तहसीलदार फील्ड में सतत भ्रमण करें। ग्राम के लंबित प्रकरण के निराकरण के लिए कैम्प लगाए, कैम्प के पहले समय दें। ग्राम में राजस्व संबंधी कोई समस्या नहीं हो, इस भावना से कार्य करें। राजस्व प्रकरण के निराकरण के लिए तुरंत नोटिस जारी करें।
जिस दिन प्रकरण नामांतरण के लिए रजिस्टर्ड हो, उनकी सुनवाई की तारीख एसडीएम जरूर दें। राजस्व प्रकरण के निराकरण के लिये ग्रहायता के स्टेज पर ही एसडीएम निर्णय लें, इसके लिए प्रकरण का परीक्षण करें।
ऐसे गंभीर एवं अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्ति और भू-माफिया, जिनके खिलाफ धारा 302-307 साहित महिला अपराध के साथ-साथ सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने के प्रकरण थाने में पंजीबद्ध है। की जानकारी पुलिस विभाग के साथ मिलकर तैयार करें और ऐसे अपराधियों की स्थायी संपत्तियों को जड़ से नष्ट करें और उनके कब्जे से सरकारी जमीन को भी छुड़ाये। जमीन को सरकारी घोषित करें। मुक्त कराई गईं जमीन गरीबो के देने के लिए चिहिंत करें।
प्राकृतिक आपदा की स्थिति में दी जाने वाली आर्थिक सहायता संबंधित को तुरंत दें, इसमें लापरवाही नहीं बरतें। कलेक्टर ने एसडीएम एवं तहसीलदार को निर्देश दिए कि धारा 145 का उपयोग वही करें जहाँ मीनिंग फुल हो। इस धारा में दर्ज और लंबित प्रकरणों के समाधान के लिये डेली समीक्षा करते इसे खत्म करें। इस धारा का पॉजिटिव उद्देश्य के लिए ही उपयोग करंे।
कलेक्टर ने कहा की अनुविभाग के लोक सेवा केंद्र के प्रकरण जिला स्तर पर नहीं आये। लोक सेवा केंद्र से तय सीमा में चाही गईं जानकारी दें, तय सीमा का उल्लंघन नहीं हो, जानकारी समय पर नहीं देने और अन्यथा की स्थिति में जानकारी नहीं देने वाले अधिकारी से प्रतिदिन के मान से तय राशि वसूल करें। धारणाधिकार की समीक्षा में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि एसडीएम और सीएमओ नगरीय निकाय प्राप्त एप्लीकेशन की समीक्षा करते हुवे पात्रता तय करे, आवेदन नहीं मिलने की दशा मै एप्लीकेशन प्राप्त कर और उन्हें पात्रता के आधार पर स्वीकृत कराये। इसमे तहसीलदार भी सक्रियता निभाये।
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिले में स्वीकृत अमृत तालाबों के साइट सिलेक्शन क्षेत्र का विजिट करते हुयेे कैच मेन्ट क्षेत्र की जाँच करें। इसके लिए स्थानीय लोगों की सह भागीदारी सुनिश्चित करंे जिससे साइड की उपयोगिता सिद्ध हो सकें। पीएम एवं सीएम किसान योजना के दस्तावेज का सत्यापन करने के लिए राजस्व अधिकारी मैदानी अंचलो मै भ्रमण करे और इसे गति दे।