मध्यप्रदेश। कोयला संकट के मद्देनजर केंद्र सरकार ने इमरजेंसी कानून लागू कर दिया है। जिसके तहत सभी पावर प्लांट्स को अपनी पूरी क्षमता के साथ बिजली उत्पादन करने का आदेश दिया गया है। केंद्र सरकार ने कहा कि बिजली उत्पादन में किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इधर, मध्यप्रदेश में बिजली संकट को भांपते हुए सरकार विदेश से कोयला मंगवा रही है। 700 करोड़ का टेंडर कर दिया गया है। सरकार बिजली संयंत्रों में सप्लाई बनाए रखने के लिए साढ़े सात लाख मीट्रिक टन कोयला खरीदने जा रही है।
केंद्र ने राज्यों से यह भी कहा है कि जितनी जरूरत है, उस हिसाब से बिजली सप्लाई की जाएगी। यह आदेश विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 11 के तहत दिया गया। इस कानून के जरिए केंद्र सरकार को असाधारण हालात में कई विशेष अधिकार मिल जाते हैं। सरकार बिजली बनाने वाली किसी भी कंपनी को काम करने या स्टेशन मेंटेन रखने के लिए कह सकती है।
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा, प्रदेश के पावर प्लांट में कोयले का स्टॉक बनाने के लिए सरकार हर संभव कोशिश कर रही है। सड़क मार्ग से 30 लाख मीट्रिक टन कोयला लाया जा रहा है। विदेश से भी कोयला खरीदने की तैयारी है। इसके लिए टेंडर हो गए हैं।