मध्यप्रदेश। छतरपुर जिले जिले का एक ऐसा गाँव आज भी आजादी के बाद से विकास के लिए तरस रहा हैं। प्रदेश में आजादी के बाद कई सरकारे आई लेकिन कभी भी किसी सरकार ने इस गांव के विकास की कभी भी नही सोची उसी का कारण हैं की इस गांव में कोई भी लड़की का पिता अपनी बेटी का विबाह करने को तैयार नहीं हैं जिससे ज्यादातर लोग इस गांव में अविबाहित हैं और बहुत कम ही इस गांव में शहनाई की गूंज सुनाई देती हैं। विकास न होने के चलते इस गांव के लोग जनप्रतिनिधियों और सरकारों को कोसते रहते हैं।

खरयानी गॉंव की भूगोलिक स्थिति-
श्यामरी नदी केन नदी के तट में बसा खरयानी गाँव पन्ना टाइगर रिजर्व पन्ना के गर्व ग्रह में स्थित चारो ओर बाघो की शरण स्थली होने के साथ आने जाने के लिये दुर्गम घने जंगलों के रास्ते साल में चार माह वाहन जा सकते आठ माह नाव से गॉंव जा सकते यह गॉंव दो ओर से नदी एवं दो ओर से पहाड़ो से गिरा है।
यह गाँव विकास से कोसों दूर है यहां का मुख्य धंधा खेती वह भी राई की खेती नदी के कछार में होती है राई की खेती ही जीवन यापन करने का जरिया है इस क्षेत्र को राई की खेती का कटोरा कहते हैं यहाँ जुताई करके राई की बोनी करने के बाद राई की कटाई की जाती है बिना खाद्य पानी के राई की खेती होती है काफी अच्छी मात्रा में राई की उगावनी होती जिससे गॉंव के लोगो का साल भर का खर्च चलता है।
गॉंव में बहुत कम बजती शहनाई-
आवागमन के साधन नहीं होने से इस गॉंव में लड़का लड़कियों की शादी बहुत कम होती है यहाँ पर कोई लड़की देने को तैयार नही होता न लड़की लेने को इस कारण से गाँव के सैकड़ो लड़का लड़की शादी के लिए बैठे हैं। लड़को में तो युवा से बूढे तक शादी की आस लगाये बैठे उनका कहना है कि पहले पन्ना टाइगर रिजर्व पन्ना द्वारा इस गाँव का विस्थापन होना था अब यह गाँव केन बेतवा लिक परियोजना के द्वारा विथापित होना है यदि मुआवजा राशि अच्छी मिल जाये तो हम लोग सड़क के गांवों में बस जायगे तो लड़का लड़कियों की शादी जल्द हो जायेगी अब ऐसी आस लगाए बैठे यहाँ के बाशिन्दे इसी कारण से गाँव मे शहनाई की आवाज बहुत कम सुनाई देती है।
यहाँ के लोग बमीठा बाजार करने वाहनों में ऊपर नीचे जीपों में भरकर जान जोखिम में डालकर गंगऊं बांध की कच्चे रास्ते की 3 कि मी लंबी उची घाट में सफर करते 35 कि मी दूरी का किराया 100 रुपया देते सुबह आकर रात को घर जा पाते। केन बेतवा लिंक परियोजना का कब मुआवजा मिले गाँव शहनाई की आवाज गूजे यहाँ के लड़का लड़कियों की शादी की मुआवजा पर निर्भर है।
(रिपोर्टर- अशोक नामदेव बमीठा खजुराहो)