गाय काटकर हत्या करने के मामले में 9 आरोपी को सजा
2014 में मंदिर के पास रात में काटी थी गाय
छतरपुर। दस साल पहले शहर के मुख्य इलाके में मंदिर के पास गाय काटने का मामला सामने आया था। कोर्ट ने इस मामले में 9 आरोपियों को दोशी पाते हुए सजा सुनाई है।
एडवोकेट राकेश दीक्षित ने बताया कि 21 दिसंबर 2014 को फरियादी अभिशेक खरे ने थाना सिटी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई कि षुक्लाना मोहल्ला षंकरजी के मंदिर के पास अज्ञात लोगों ने एक मासूम गाय को काट दिया है। लोगों में बहुत आक्रोष है। कुछ असामाजिक तत्व यह हरकत करके लोगो को भड़काना चाहते है।
पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज करके विवेचना के दौरान रनिया उर्फ सतीश उर्फ ठाकुर सेन निवासी शुक्लाना मोहल्ला को हिरासत में लेकर पूंछतांछ किया। रनिया ने बताया कि उसने जानू मुसलमान, कबीरा उर्फ रज्जू, हैदर मुल्ला, गजनी मुसलमान के साथ लावारिस गाय 16 दिसंबर को सिंघाड़ी नदी में काटने के बाद गजनी की आटो टैक्सी से नटपुरवा के पिट्टे मुसलमान और उसके लड़को को 42 सौ रुपए में बेंचने के बाद रुपए आपस में बांट लिए थे। 20 दिसंबर को षुक्लाना मोहल्ला से एक मोटर साइकिल चोरी कर पिट्टे से गाय काटने के औजार, बोरा लेकर षुक्लाना मोहल्ला आए। और घूम रही लावारिस गाय को जानू द्वारा लाई रस्सी से गाय को बांधकर षंकरजी के मंदिर के पास पटककर जानू ने गाय की गर्दन काटकर पेट के दो हिस्से कर मांस बोरे में भरकर गजनी की टैक्सी से कबीरा और हैदर के साथ पिट्टे के घर में रखकर घर चले गए। विवेचक एसआई केएन अरजरिया ने मामले के आरोपी रनिया सेन, राषिद, हैदर राईन, गजनी इस्माइल, यामीन, पिट्टे उर्फ बसीर, मोहम्मद बहीद, समीर और जानू को गिरफ्तार किया। अभियोजन की ओर से एडीपीओ शिवाकांत त्रिपाठी ने पैरवी करते हुए दलील रखी कि आरोपियों के द्वारा षहर के मुख्य इलाके में मंदिर के पास गाय काटकर धार्मिक भावना भड़काने और षांति भंग करने का जघन्न अपराध किया है। न्यायाधीश अन्नपूर्णा भदौरिया की कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोशी करार देते हुए एक-एक साल की कठोर कैद के साथ 52 सौ- 52 सौ रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई है।
एसपी, एएसपी ने मामले के खुलासे में निभाई थी अहम भूमिकाः
गौरतलब है कि जब आरोपियों के द्वारा मंदिर के पास गाय की हत्या की गई थी। उस दौरान षहर के सभी हिंदू धार्मिक और सामाजिक संगठन, व्यापारी वर्ग हजारों की संख्या में मुख्य मार्केट बंद कर आक्रोषित होकर विरोध प्रदर्षन करने लगे थे। षहर का महौल बिगड़ने लगा था। तत्कालीन एसपी ललित शाक्यवार, एएसपी नीरज पांडे ने एक्षन लेते हुए मामले के आरोपियों को तत्काल पकड़कर मामले का खुलासा कर दिया था, जिसके बाद शहर का माहौल षांत हुआ था।