लेखक- शिव बहादुर सिंह फरीदाबाद (हरियाणा)
डेस्क न्यूज। वर्तमान समय में राजनीति का पतन इस कदर हो चुका है क़ी किसी भी पार्टी के प्रति जरा भी विश्वास का भाव रहा ही नही है।
राजनीतिक लाभ उठाने के लिए प्रत्येक पार्टी हर समय मुद्दे क़ी तलाश में ताक लगाए बैठी हुई है। छोटी-छोटी समस्याओं क़ो तिल का ताड़ बना दिया जाता है। जो भी पार्टी सत्ता में होगी उसके सभी कार्यों का पुरजोर विरोध किया जाता है चाहे वो अच्छा कार्य ही क्यूँ ना हो। जबकी होना ये चाहिए क़ी अच्छे कार्यों क़ी प्रशंसा होनी चाहिए औऱ बुरे कार्यों क़ी आलोचना होनी चाहिए। धर्म के संरक्षण से राजनीति में स्वच्छता रहेगी।
धर्माचार्य राजनेताओं के हांथों क़ी कठ पुतली बने हुए हैं। गुरुदेव जी ने सभी धर्माचार्यों क़ो खुली चुनौती दिया है क़ी अगर किसी में भी तप बल क़ी क्षमता हो तो आकर हमारा सामना करे। कोई भी राजनेता आते हैं तो कई धर्माचार्य उनके आगे पीछे चक्कर काटने लगते हैं।किसी भी राज्य क़ी चलती हुई सरकार क़ो उल्टे सीधे कूप्रयासों द्वारा सरकार क़ो गिरा दिया जाता है।विदेशों से धन मगाँकर अपने ही देश के विरुद्ध जहर उगलने का कार्य किया जाता है। धर्म के निर्देशन से ही राजनीति का संचालन होना चाहिए।
प्राचीन काल में बड़े-बड़े राजा महाराजा गुरुओं क़ी आज्ञा से ही राजकाज किया करते थे। उस समय धर्म के महत्व क़ो सभी जानते थे। आज बड़े बड़े अपराधियों क़ो राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है,बल्कि कहा जाय तो कई राजनेताओं ने स्वयं ही अपराध क़ी दुनियाँ से ही राजनीति में प्रवेश किया है।चुनाव में धन के दुरुपयोग से हम सभी भली भाँति परिचित हैं।समाज में बहन बेटियाँ बिल्कुल भी सुरक्षित नही है। कोई अपराध करता है तो उसे दण्ड दिलाने क़ी बजाय थाने में फोन करके उसे बचाने का भरपूर प्रयास किया जाता है।
धर्म के माध्यम से ही राजनीति का संचालन होना चाहिए। गुरुदेव जी श्री शक्ति पुत्र जी महाराज जी के द्वारा निर्देशित धर्म मार्ग का पालन प्रत्येक व्यक्ति क़ो करना चाहिए। गुरुदेव जी ने समाज में शान्ति क़ी व्यवस्था स्थापित करने लिए ही भारतीय शक्ति चेतना पार्टी का गठन किया है। आज क़ी तमाम पार्टियों के विकल्प के रूप मैं एक ही पार्टी है। राजनीति में व्याप्त भष्टाचार क़ो एक मात्र यही पार्टी दूर कर सकती है। राजनीति का उद्देश्य सिर्फ सत्ता का सुख भोगना नही होना चाहिए,बल्कि जनता के दुःख दर्द क़ो समझ कर उसके अनुरूप उनकी मदद करने का उद्देश्य होना चाहिए। गरीबों क़ी सुनने वाला कोई नही है।
आज समाज में गरीबों क़ी सुध लेने वाले क़ी संख्या में कमी होती जा रही है। गुरुदेव जी ने गरीबों क़ी सेवा का जो लक्ष्य निर्धारित किया है वो क्षमता किसी भी धर्माचार्य में है ही नही।संगठन के प्रत्येक कार्य कर्ताओं का प्रमुख कार्य जन कल्याण ही है।धर्म के स्वरूप क़ो भी अनेक बाबाओं ने बिगाड़ करके रख दिया है। वासनात्मक जीवन जीने के कारण रामपाल, राम रहीम औऱ आशाराम जैसे बाबा आज हवालात क़ी हवा खा रहे हैं। हमारे आपके बीच में कई ऐसे लोग़ हैं उन्हें चिन्हित करके उनके सामाजिक बहिष्कार क़ी आवश्यकता है।
ढोंगी औऱ पाखंडियों क़ो पहचानने क़ी जरूरत है औऱ उन्हें बेनकाब करना भी जरूरी है। कई लोग़ दिखावे क़ो ही अपने जीवन का मूल उद्देश्य समझते हैं। नाम बड़े औऱ दर्शन थोड़े हैं। ऐसे लोग़ अपने आपको सदैव अंधेरे में ही रखते हैं। धर्म का मार्ग पवित्र औऱ शान्ति का मार्ग होता है। राजनीति हमेशा धर्म के अनुरूप ही होनी चाहिए।
जै माता क़ी जै गुरुवर क़ी
जय माता की जय गुरुवर की
बिल्कुल सही कहा आपने🙇♂️🙇♂️🙇♂️