डेस्क न्यूज। जीवन क्षण भंगुर है , पल का पता नही है , किस क्षण क्या हो जाय ? कुछ भी निश्चित नही है। इन सभी बातों का हम सभी क़ो पूर्णतः ज्ञान है। इसके बावजूद हम लोग अपने जीवन क़े विकारों क़ो दूर करने का रंचमात्र भी प्रयास नही करते हैं ! हर समय दिखावा करते हैं। कौन से झूठे कार्यों से हमारा नाम हो जाये , इसी उधेड़ बुन में सारा समय व्यर्थ में जाया कर देते हैं ॥
झूठी प्रसिद्धि पाने की ललक हमेशा बनी रहती है। ये सारी बातें मिथ्या औऱ भटकाव हैं। अगर हमें वास्तविकता का जीवन जीना है तो गुरुवर जी द्वारा बताए गये मार्ग का पालन करना पड़ेगा , जिसमें हमारे जीवन की सार्थकता समाहित है। गुरुदेव जी ने कहा है की हम अपने अंतरात्मा की आवाज क़ो सुने औऱ उस पर अमल करे ।दिखावटी जीवन औऱ कथनी करनी में अन्तर हमें पतन क़े मार्ग पर ले जाता हैं ।
हम सत्य क़े संगठन से जुड़कर भी सत्य का जीवन ना जी सकें तो ये एक गम्भीर चिंतन का विषय हैं ।हम सभी क़ो आत्म मन्थन करना चाहिए की गुरुदेव जी ने हम लोगों क़ो आत्म कल्याण औऱ जन कल्याण क़े लिए जो दिशा निर्देश प्रदान किया है , क्या हम लोग उसका ईमानदारी से पालन कर रहे हैं ? इस कलिकाल में इतना स्वर्णिम अवसर कभी भी प्राप्त नही होगा ! अतः समस्त विकारों क़ो माँ गुरुवर की साधना रूपी तलवार से नष्ट करके अपने जीवन क़ो एक नवीन दिशा प्रदान करें ।आज घनघोर कलिकाल (कलयुग) चल रहा है अतः अधिकाँश लोग अनैतिक कार्यों में बुरी तरह से लिप्त हैं।
सत्य औऱ असत्य क़ो पहचानना अत्यधिक आवश्यक हो गया है। अपने बच्चों क़ो संस्कारवान बनाइए। ज्यादा से ज्यादा लोगों क़ो गुरुवर की विचारधारा से अवगत कराइए। बहुत सारे लोग भटकाव का जीवन जी रहें हैं। उन्हें सत्य का मार्ग बताइए। युवक युवतियों क़ो ज्ञान ही नही रह गया है की उन्हे कैसा जीवन जीना है। उन्हे पतन के मार्ग से बचा लीजिए, सबसे ज्यादा आज इसी वर्ग के ऊपर ध्यान देने की आवश्यकता है।
वासनात्मक वातावरण से इन लोगों क़ो जल्द से जल्द निकालने की अत्यधिक आवश्यकता है। सभी क़ो एक दुर्गा चालीसा पाठ करना बहुत जरूरी है। धीरे धीरे अवसाद ग्रस्त लोग भी शान्ति की ओर अग्रसर हो जाएंगे।गुरुवर जी ने कहा की मेरे साकार रूप का सानिध्य बार बार प्राप्त नही होगा। ये स्वर्णिम अवसर हाँथ से जाने मत दीजिए। का वर्षा जब कृषि सुखाने
जै माता की जै गुरुवर की
लेखक- शिव बहादुर सिंह
Jai mata ki jai guruvar ki