शाहपुर हादसा ईश्वरी प्रकोप या प्रशासन की चूक? पत्रकार पुरुषोत्तम लाल पटेल की कलम से

गढ़ाकोटा। शाहपुर में 9 बच्चों की मौत की कोई भी जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक कर्मचारी अधिकारी, आयोजक, कथा वाचक अपने ऊपर नहीं लेगा, यह की सबसे बड़ी लापरवाही स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ डॉक्टर बंसल की मानी जाएगी जो उप स्वास्थ्य केंद्र में उपस्थित नहीं रहे। कार्यक्रम आयोजक, मकान मालिक, वार्ड मेंबर, कथावाचक, अनुष्ठान करने वाले पंडित, आचार्य, इन सब कार्यों को प्रेरित करने वाले अलौकिक शक्ति वाले परमपिता परमेश्वर, धार्मिक पुस्तकों में वर्णन मिलता है प्रारब्ध पहले रचा पीछे रचा शरीर, एवं हुई है वही जो राम रची राखा किसी भी कार्यक्रम को पूर्ण का प्रदान करने या आयोजन करने की पूर्व आयोजन को स्थान का चयन जल व्यवस्था अग्निशामक यंत्र मजबूत पंडाल आवागमन के साधन पार्किंग विद्युत व्यवस्था डॉक्टर उपचार व्यवस्था कार्यक्रम स्थल पर करना चाहिए।
शाहपुर नगर में विगत दिनों हुए दुखहर हादसे में राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू महोदया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव मध्य प्रदेश राज्य सरकार स्थानीय विधायक पंडित गोपाल भार्गव जनप्रतिनिधि नगर पंचायत अध्यक्ष देवराज सिंह लोधी, नगर पंचायत शाहपुर सीएमओ धनंजय गुमास्ता, कमलेश साहू इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के पत्रकार सभी ने दिवंगत आत्माओं के लिए शांति प्रदान करने ईश्वर से प्रार्थना की एवं परिवार वालों को दुख सहने की शक्ति प्रदान के लिए कहा हादसे के उपरांत कुछ विशेष प्रकार की जनमानस हादसे में हुई क्षति के लिए एक दूसरे पर दोषारोपण कर इस्तीफा की मांग कर रहे ऐसे समय में हादसों पर राजनीति करना अनुचित है।
वर्तमान केंद्र एवं राज्य सरकार देश में हो रहे प्रत्येक हालात पर नजर बनाए हुए हैं जिसका उदाहरण साहब और हादसे में देखने मिला राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा उपचार आवागमन एवं आर्थिक सहायता एवं जिम्मेदार अधिकारियों का निलंबन सरकार की कर्मठता एवं कर्तव्य परायण का को दर्शाता है। स्थानीय प्रशासन की जोक वार्ड मेंबर को अपने वार्ड की पूर्ण स्थिति का संज्ञान होना चाहिए और जानकारी संबंधित विभाग पुलिस प्रशासन नगरीय प्रशासन अध्यक्ष एवं शासकीय अधिकारी को अवगत कराना चाहिए क्योंकि वह एक जिम्मेदार प्रतिनिधि है प्रशासन उसे भत्ता प्रदान करती है सर्वप्रथम वार्ड मेंबर को इस्तीफा देना चाहिए।