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बागेश्वर धाम से राजस्थान के जलाप निवासी लाल जी पाटीदार लापता

मध्यप्रदेश। छतरपुर जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बागेश्वर धाम से लोगों के लापता होने एवं मौते होने के मामले लगातर सामने आते रहते हैं अभी एक ताजा मामला सामने आया हैं जिसमे राजस्थान प्रदेश के ग्राम पंचायत जलाप निवासी लाल जी पिता हुक्का जी पाटीदार दिनांक 20/02/2024 से लापता हैं जिनका आज तक कोई पता नहीं चल सका हैं वहीं परिजन उनकी खोज में छतरपुर जिले में लगे हुए हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनांक 18/2/2024 को ग्राम पंचायत जलाप एवं शीतल के 50 यात्री 10 दिन के टूर में गए थे जो 20/02/2024 को बागेश्वर धाम कथा पंडाल एमपी जिला छतरपुर में पहुंचे थे रात्रि विश्राम बागेश्वर धाम कथा पंडाल में सभी यात्री लोगों ने विश्राम किया था। जिसमें से जलाप निवासी श्री लाल जी पिता हुक्का जी पाटीदार सुबह 4:00 बजे उठकर रवाना हो गए हैं। उनका अभी तक कोई पता नहीं हैं। उनके गले में आइडेंटि कार्ड है जिला छतरपुर के पुलिस प्रशासन से परिजनों ने निवेदन किया है की लाल जी भाई पिता हुक्का जी पाटीदार को ढूंढने में सहयोग करें सभी यात्रालू परेशान है हम सभी यात्रालू प्रशासन की आभारी रहेंगे।

प्रसिद्ध धार्मिक स्थल से लोगों के लापता होने व मौतों पर खड़े हो रहें सबाल-
आज बागेश्वर धाम में देश विदेश के लाखों भक्त अपनी मुरादें पूरी होने की कामना लेकर आते हैं लेकिन अगर ऐसी घटनाओं के बाद परिजनों की आस्था कों चोट पहुंचती हैं तो इसके लिए कौन जबाबदार हैं स्थानीय बागेश्वर धाम ट्रस्ट या फिर पुलिस प्रशासन इस पर किसी के पास कोई संतुष्ट जबाव नहीं हैं।

बागेश्वर धाम संस्था क्यों नहीं करती सुरक्षा के पुख्ता इंतजार-
इसमें सबसे बड़े सबाल बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेन्द्र शास्त्री व संस्था के प्रमुख लोगों पर उठते हैं जिन्होंने अभी तक लगभग आधा सैकड़ा ऐसी घटनाओं के बाद भी सबक नहीं लिया और धाम में सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किये यह संस्था पर सबाल खड़े कर्ता हैं।

कब तक पुलिस करती रहेगी बागेश्वर धाम में सुरक्षा ब्यवस्था-
जहां प्रदेश में पुलिस बल की कमी होने के चलते प्रदेश और जिले में अन्य जनता की सुरक्षा और जिले में पूर्व में घटित अपराधों की समीक्षा भी ठीक तरीके से नहीं हो पा रही हैं और जनता कों सुरक्षा मुहैया कराने की जगह पुलिस बल कों बागेश्वर धाम की सुरक्षा में लगा दिया जाता हैं। जिससे थाना पुलिस पर काम का अधिक दवाव रहता हैं।

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