खजुराहो सीट से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन हुआ निरस्त
निर्वाचन अधिकारी पर लग रहे हैं पक्षपात करने के आरोप

पन्ना। खजुराहो संसदीय सीट पर इंडियन कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी मीरा यादव के द्वारा नामांकन दाखिल किया गया था। आज फार्म जांच करने के उपरांत निर्वाचन अधिकारी सुरेश कुमार मिश्रा के द्वारा मीरा यादव का नामांकन फार्म निरस्त कर दिया गया। इसकी वजह यह बताई गई कि फार्म में एक जगह हस्ताक्षर नहीं हैं एवं एक मतदाता सूची पुरानी है और सर्टिफाइ नहीं है। निर्वाचन अधिकारी सुरेश कुमार मिश्रा ने अभी तक लिखित में मीरा यादव को कोई पत्र जारी नहीं किया है। हालांकि मीडिया में लगातार फार्म निरस्त होने की खबर चल रही है। इतिहास में पहली बार निर्वाचन आयोग के निर्देशों को ताक में रखकर निर्वाचन अधिकारी के द्वारा यह कृत्य किया गया है।
भारत निर्वाचन आयोग के स्पष्ट निर्देश हैं कि फार्म जमा करने के समय प्रत्याशी से फार्म में यदि कोई कमी है तो उसे पूर्ण कराई जाए उसी के बाद फार्म जमा किया जाए। परंतु निर्वाचन अधिकारी ने 2 तारीख को फार्म जमा कर लिया और उसके बाद कोई कमी थी तो प्रत्याशी या उसके इलेक्शन एजेंट को बुलाकर उसमें सुधार कराया जा सकता था परंतु प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के नाते निर्वाचन अधिकारी ने अपने निष्पक्ष होने की भूमिका को दरकिनार कर सपा प्रत्याशी का फार्म निरस्त कर दिया है। फार्म निरस्त होने के बाद इंडियन गठबंधन के बड़े न ेताओं ने इसकी शिकायत भारत निर्वाचन आयोग में की है और साथ ही इस संबंध में मीरा यादव के पति दीपनारायण यादव ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि यह मामला गंभीर है इसके लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाना पड़े तो जाएंगे।
समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि यह प्रजातंत्र की हत्या की जा रही है। मप्र में निष्पक्ष चुनाव होना संभव नहीं है। जब पन्ना जिले जैसे निर्वाचन अधिकारी पदस्थ हैं तो वह किसी भी कीमत पर निष्पक्ष चुनाव नहीं करा पाएंगे। उन्होंने तत्काल निर्वाचन आयोग से मांग की है कि ऐसे निर्वाचन अधिकारी को तत्काल हटाया जाए। फिलहाल खजुराहो लोकसभा सीट की चर्चा पूरे देश में फैल गई है और निर्वाचन आयोग की कार्यशैली पर प्रश्र चिन्ह लग रहा है।