बड़ी खबर: मोहन का यह कैसा राज एक को सजा दूसरे को मजा?
तीन बच्चों वाले कुंजीलाल कब तक बने रहेंगे टीचर

मध्यप्रदेश। प्रदेश में शासन के नियमों को ठेंगा दिखाकर नौकरी करने वालों की भरमार मची हैं। जहां 3 बच्चों वाले माता-पिता खुलेआम सरकार को चुनौती देकर नौकरी कर रहें हैं और इन्हें अधिकारियों का खुला संरक्षण प्राप्त होता हैं तो वहीं मोहन राज में भी किसी को मजा तो किसी को सजा देने का चलन भी खूब चल रहा हैं।
अभी एक ताजा मामला छतरपुर जिले में सामने आया हैं जहां 3 बच्चों के पिता कुंजी लाल अहिरवार खुलेआम सरकार को आँखों में धूल झोककर खुले आम नौकरी कर रहें हैं जिसकी शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी से शिकायत कर्ता द्वारा की गई हैं।
शिकायतकर्ता ने बताया की श्री कुंजी लाल अहिरवार 15/09/2001 को सेवा में आए और 01/04/2007 को इनका संबिलियन हुआ। श्री अहिरवार को माध्यमिक शिक्षक से उमाशि के पद पर दिनांक 16/10/2014 को पदोन्नति दी गई।
जबकि कुंजी लाल अहिरवार की प्रथम संतान का जन्म 11/09/2005 को द्वितीय संतान का जन्म 14/06/2008 को एवं तृतीय संतान का जन्म 14/09/2009 को हुआ हैं। जिसमें प्रथम संतान पुत्री एवं द्वितीय एवं तृतीय संतान पुत्र हैं और तीनों संताने शासन के नियमानुसार जीवित संताने हैं।
क्या कहता हैं नियम-
शासन का नियम कहता हैं की 26/01/2001 को या उसके पश्चात अभ्यर्थी की दो या दो से अधिक जीवित संतान हैं वह शासन के नवीन संवर्ग भर्ती नियम 2018 के नियम 9 (निहारताएं) की कंडीका (5) के अनुसार सेवा अथवा पद पर रहने योग्य नहीं हैं। इसके बाबजूद कुंजीलाल बेखौफ होकर नौकरी कर मोहन सरकार की आंखो में धूल झोख रहें हैं।