मध्यप्रदेश

बाल भवन स्कूल की स्वर्ण जयंती: यादों का उत्सव और उपलब्धियों का जश्न

प्रतिवर्ष 3 नवंबर को मनाया जायेगा स्कूल का स्थापना दिवस : संचालक उमर फ़ारूक़ अली

भोपाल। भोपाल के ऐतिहासिक श्यामला हिल्स स्थित प्रतिष्ठित बाल भवन स्कूल ने अपनी 50वीं वर्षगांठ का आयोजन बड़े उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया। इस गौरवमयी अवसर पर एक विशेष पूर्व छात्र सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें पुराने छात्रों और शिक्षकों का वर्षों बाद पुनर्मिलन हुआ। इस सम्मेलन ने एक अनोखा अनुभव दिया, जहाँ छात्रों ने अपने स्कूली दिनों की सुनहरी यादों को साझा करते हुए अपने गुरुओं के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त किया।

देश-विदेश से 50 वर्षों के पूर्व छात्र आयोजन से जुड़े-
सुबह के सत्र की शुरुआत पारंपरिक कक्षाओं के साथ हुई, जहाँ 50 साल पुराने पूर्व छात्रों ने अपने छात्र जीवन की सुनहरी यादों और अनुभवों को वर्तमान छात्रों और शिक्षकों के साथ साझा किया। 1993 बैच के अफ्रीका निवासी नीरज सक्सेना, डॉ. पंकज मनोरिया, 2005 बैच की शारजाह निवासी श्रीमती सुंबुल खान, 2011 बैच की लंदन निवासी श्रीमती हया आरिफ सहित कई प्रतिष्ठित पूर्व छात्र-छात्राओं ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर आयोजन को खास बनाया। इन पूर्व छात्रों ने नई और पुरानी पीढ़ी के बीच एक सशक्त सेतु का कार्य किया, जिससे सीखने-सिखाने की प्रक्रिया को एक नया दृष्टिकोण मिला। इस अवसर पर स्कूल के संचालक श्री उमर फारूक अली ने घोषणा की कि अब प्रतिवर्ष 3 नवंबर को स्कूल का स्थापना दिवस मनाया जाएगा।

खेल प्रतियोगिताओं ने नई ऊर्जा का किया संचार –
सुबह की कक्षाओं के बाद विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ, जिसने पूरे माहौल में एक नई ऊर्जा भर दी। छात्रों ने टेबल टेनिस, दौड़, और निशानेबाजी जैसे खेलों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इन खेलों ने पुराने छात्रों को अपने युवावस्था की यादें ताजा करने का अवसर दिया और वर्तमान छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने। यह खेल प्रतियोगिताएं सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक चलीं, जिसमें पूरे मैदान में हंसी, खुशी और तालियों की गूंज ने समां बांध दिया।

रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति
दोपहर के बाद कार्यक्रम की दूसरी पारी स्थानीय होटल में आयोजित की गई, जिसमें रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। इस समारोह का नेतृत्व बाल भवन के संचालक श्री उमर अली ने किया, जिन्होंने अपने प्रभावी उद्घाटन भाषण में बाल भवन की यात्रा, इसकी समृद्ध परंपराओं और समय के साथ अर्जित उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर लेखक सिकंदर मालिक द्वारा लिखित एक विशेष पुस्तक का विमोचन भी किया गया। यह पुस्तक बाल भवन के गौरवशाली इतिहास और उपलब्धियों को समर्पित है, जिससे नई पीढ़ी को स्कूल की विरासत से जुड़ने का अवसर मिला।

शिक्षकों से हुई बीते दिनों की चर्चा ने किया भावुक-
समारोह में विद्यालय के पूर्व प्राचार्य श्री एच .एल. चोपड़ा, डॉ. शर्मा, मिसेज वर्मा और वर्तमान प्रिंसिपल हुमेरा आरिफ के साथ उप प्राचार्य अनुभा मिश्रा भी उपस्थित रहीं। इन अनुभवी शिक्षकों और सेवानिवृत्त शिक्षकों को समारोह में विशेष रूप से सम्मानित किया गया। उनके द्वारा विद्यालय में दिए गए योगदान को याद करते हुए सभी भावुक हो उठे। सम्मान समारोह के दौरान पुराने शिक्षकों और छात्रों के बीच हुई बातचीत ने सभी को अपने स्कूली दिनों में वापस ले जाने का अनुभव दिया। यह क्षण उन सभी के लिए बेहद खास था, जिनकी यादों में बाल भवन का एक विशेष स्थान है।

समारोह का समापन सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से हुआ, जिसमें संगीत, नृत्य और नाट्य प्रदर्शन ने सभी का मन मोह लिया। वर्तमान छात्रों द्वारा प्रस्तुत इन रंगारंग कार्यक्रमों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। तालियों की गूंज और मुस्कुराते चेहरे इस आयोजन की सफलता की कहानी बयान कर रहे थे। इस आयोजन ने बाल भवन के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के बीच एक नई ऊर्जा का संचार किया और सभी के लिए यह गर्व और खुशी से भरा एक अविस्मरणीय दिन बन गया।समापन सत्र में इस पूरे आयोजन को सफल बनाने का श्रेय बाल भवन के श्री दीपक रजानी, श्रीमती प्रियंका गोगिया, श्री आमिर अली, श्रीमती मानसी जैन, श्रीमती तन्वी जैन, श्री समीर खान को दिया गया।

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