प्रथम “अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस” पर हुआ mvm समूह के राष्ट्रीय कैंप कार्यालय में आयोजन

भोपाल। महर्षि विद्या मंदिर विद्यालय समूह के राष्ट्रीय कैंप कार्यालय, भोपाल के सभागार में एक गरिमामय समारोह में प्रथम “अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस” मनाया गया। इस कार्यक्रम के अध्यक्षीय संबोधन में महर्षि विद्या मंदिर विद्यालय समूह के अध्यक्ष वेद विद्या मार्तण्ड ब्रह्मचारी गिरीश जी ने संयुक्त राष्ट्र एवं समस्त सहयोगी देशों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि “यह सब भारतीय ऋषि, महर्षियों की दीर्घकालीन तपस्या का फल और भारत व अन्य राष्ट्रों की सामूहिक चेतना का सतोगुणी प्रभाव है कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के बाद अब ध्यान पर ध्यान गया और अंतरराष्ट्रीय ध्यान दिवस को सार्वजनिक तौर पर मनाने की घोषणा की गई।
भावातीत ध्यान परम पूज्य महर्षि महेश योगी जी द्वारा प्रणीत है जिसका निरंतर एवं नियमित अभ्यास महर्षि विद्या मंदिर विद्यालयों और अन्य महर्षि संस्थानों के कई लाख छात्र, कार्यकर्ता एवं एवं उनके परिवारजन करते हैं। यह भावातीत ध्यान की पद्धति 700 से अधिक शोधों द्वारा प्रमाणित हो चुकी है। इस ध्यान से सारी सकारात्मकता प्राप्त हो जाती है और नकारात्मकता समाप्त हो जाती है। इसलिए आप सभी लोग प्रतिदिन सुबह और शाम 20-20 मिनट का समय निकालकर नियमित रूप से भावातीत ध्यान का अभ्यास अवश्य करें।”
ब्रह्मचारी जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि “जैसे-जैसे सत्व बढ़ता है वैसे-वैसे संकल्प सिद्धि और कार्यों की पूर्णता होती है। इसके बाद हमें अपेक्षित परिणाम मिलने लगते हैं। यह बात बहुत ही महत्वपूर्ण है। सर्वप्रथम चेतना की शुद्धि होती है और उस शुद्धि का जो विस्तार होता है उसे बाहरी वातावरण की शुद्धि होती है, जिससे सामूहिक चेतना में सतोगुण की वृद्धि होने लगती है।”
इस अवसर पर महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर भुवनेश शर्मा ने कहा कि “सबसे पहले सभी का ध्यान योग पर गया इसके पश्चात ध्यान का दिन घोषित किया गया।” उन्होंने आगे कहा कि “हम सभी को भावातीत चेतना का ध्यान और अभ्यास करना है क्योंकि विश्व में जितनी भी योग की पद्धतियां हैं उसमें भावातीत ध्यान की पद्धति सर्वश्रेष्ठ है क्योंकि यह सहज, सरल, स्वाभाविक, प्राकृतिक और प्रयासहीन पद्धति है।” उनका कहना था कि संयुक्त राष्ट्र संघ के लोगों का ध्यान सतोगुण की वृद्धि के कारण ध्यान पर गया है।
महर्षि विश्व शांति आंदोलन के राष्ट्रीय महासचिव ने सम्पूर्ण विश्व परिवार को बधाई दी और आशा व्यक्त की कि अब बड़ी संख्या में विश्व के नागरिक ध्यान करेंगे और शीघ्र ही विश्व शांति का संकल्प पूर्ण होगा।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में महर्षि संस्थान के निदेशकगण, अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ महर्षि संस्थान की परंपरा अनुसार गुरु परंपरा पूजन से प्रारंभ हुआ। इसके पश्चात समस्त उपस्थित लोगों ने भावातीत ध्यान का सामूहिक अभ्यास किया। महर्षि जी के सभी संस्थानों में भी इसी प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये गए।