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खुशियों की दास्तां: गीता के घर लौट आईं खुशियां, जब नन्ही बच्ची हुई स्वस्थ

कम वजन की जन्मी बेटी एसएनसीयू वार्ड से स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुई, कृत्रिम सांस एवं पुनर्जीवन विधि वरदान साबित हुई

छतरपुर। जिला अस्पताल में गीता पति गोकूल कुशवाहा निवासी ग्राम अतरार तहसील सटई अस्पताल के लेबररूम में भर्ती हुई। जिनकी डिलेवरी 22 दिसम्बर 2024 को सुबह के पहर हुई। जिनकी बच्ची समय से पहले एवं कम बजन की पैदा हुई थी। जिसे सांस लेने में अत्याधिक परेशानी थी एवं अति गंभीर थी। गंभीरता को देखते हुए बच्ची को एस.एन.सी.यू. वार्ड में भर्ती किया गया था।

भर्ती के दौरान बच्चे का वजन 1.265 ग्राम था। बच्चे को भर्ती के उपरांत सी-पेप मशीन में रखा गया तथा एफ.बी.एन.सी. गाइड लाइन के द्वारा प्रबंधन एवं उपचार किया गया। लगभग 22 दिन तक बच्ची को आक्सीजन में रखा गया, इस बीच बच्ची ने कई बार सांस भी छोड़ी, जिसे कृत्रिम सांस एवं पुनर्जीवन विधि द्वारा बचाया गया। जो वरदान साबित हुई। बच्ची को छः बार रक्त लगाया गया और मां का दुध एवं के.एम.सी. केयर दी गई।

लगभग 49 दिन तक बच्ची एस.एन.सी.यू. में भर्ती रहा, इलाज के चलते बच्ची के वजन में वृद्धि हुई, बच्ची पूरी तरीके से स्वस्थ होने के उपरांत 10 फरवरी 2025 को डिस्चार्ज किया गया। डिस्चार्ज के समय बच्ची का वजन 1.600 ग्राम हो गया था एवं बच्ची की आर.ओ.पी. स्क्रीनिंग भी कि गई। प्रभारी चिकित्सक डॉ नीरज द्विवेदी, डॉ साकेत गुप्ता, डॉ ऋषि द्विवेदी, डॉ यू.एस. पटेल, नर्सिगं स्टाफ प्रभारी पूजा, नीता, प्रिया, शिवानी, सुष्मिता, संगीता, पूजा, रमा, नेहा, ममता, ऋचा एवं सभी एसएनसीयू स्टाफ के सतत प्रयास से बच्चे का बचाया गया। बच्चे के माता पिता ने सभी स्टाफ को धन्यवाद दिया एवं स्टाफ के द्वारा बच्चे के उज्जवल भविष्य की कामना की गई।

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