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निलकंठेशवर मे 26 को पूजा अर्चना तो 27 को शहनाज अख्तर के भजन के साथ विशाल भंडारा

महादेव की नगरी हो हर्षोल्लास के साथ भक्त बनेगे बराती गीत संगीत के साथ करेगे प्रसाद ग्रहण

विजयराघवगढ़ रिपोर्टर। निलकंठेशवर भक्ति धाम की स्थापना 35 वर्ष पूर्व हरिश्चंद्र पुरस्कार प्राप्त मदनलाल ग्रोवर जी द्वारा की गयी। हर वर्ष महाशिवरात्रि मे निलकंठेशवर भक्ति धाम अपनी सालगिरह मनाया है तथा एतिहासिक और भव्य आयोजन कर्ता आ रहा है। 35 वर्षो से चली आ रही परम्परा को निभाते हुए ग्रोवर परिवार निलकंठेशवर भक्ति धाम को दुल्हन की तरह सजाते हैं भक्तो की सेवा मे करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं।

निलकंठेशवर भक्ति धाम मे बिराजमान देवो के देव महादेव के लिए धार्मिक आयोजन एक त्योहार के रुप मे मनाया जाता है जहा किसी भी भक्त से कोई सहयोग व चंदा नही लिया जाता भोलेनाथ की सेवा और भक्तो को सम्मान देने के लिए मदनलाल ग्रोवर जी ने हमेशा खुद इस आयोजन का भार उठाया और आज भी उठा रहे हैं। दैविक शक्तियो का भंडार माना जा रहा निलकंठेशवर भक्ति धाम जहा भक्तो की मुरादें हमेशा पूरी होती है इसी आस्था और विश्वास के साथ स्थानीय भक्त ही नही अंय जिलो के भी भक्तो की उपस्थिति देखी जाती है। निलकंठेशवर भक्ति धाम मे जाती धर्म उच निच बडा छोटा का कोई अस्तित्व नही यहा सभी भक्त सामान्य माने जाते हैं सभी को बराबर सम्मान मिलता है। महादेव के दरवार मे कल्पना से परे अधिकारी कर्मचारी जन प्रतिनिधियों की उपस्थिति होती है। छेत्र का हर स्थानीय भक्त निलकंठेशवर भक्ति धाम का सदस्य मानता है और आने वाले अतिथियों की सेवा मे जुट जाता है।

निलकंठेशवर मंदिर मे लगा दरवार-
निलकंठेशवर भक्ति धाम अपने भक्तों के प्रति आस्था और विश्वास के लिए जगजाहिर है किन्तु यहा आकर्षण का केंद्र तरह तरह के मंदिर व उनमे विराजमान देवी देवता है। भक्तो को महादेव के दरवार के साथ साथ सभी स्वरुपो व 12 ज्योतिर्लिंगो के दर्शन फल प्राप्त होते हैं। माता जगदम्बा जगतकी जननी मा दुर्गा का दिव दरवार के सामने कलयुग के विसी संकट हरने वाले हनुमान जी के दिव दर्शन। के साथ प्रथम पूज्य गजानन महाराज गणेश जी का अद्भुत बाल स्वरूप मन कर रहा अलौकिक कर्ता है। साथ ही न्याय और धर्म के रक्षक मर्यादापुरुषोत्तम प्रभु श्री राम अपने पूरे परिवार के साथ दरवार मे अपनी मुस्कुराहट के साथ भक्तो की भक्ति का फल देते हुए विराजमान है। निलकंठ के तो अनेको स्वरूप दिव्य शक्तियों के साथ प्राण-प्रतिष्ठित है।

हम करेगे बरात की अगुवाई-
निलकंठेशवर भक्ति धाम अपनी सेवा के लिए जग जाहिर है मंदिर का हर सदस्य भोलेनाथ के भक्तों की अगुवाई के लिए आतुर रहता है वर्ष मे एक बार महाशिवरात्रि पर विशाल आयोजन होता है किन्तु भजन किर्तन हर वर्ष हर सावन के प्रथम सोमवार से संगीतमय अखंड रामायण पाठ के साथ जलसे का आगाज कर दिया जाता है। जिसका समापन महाशिवरात्रि के दुसरे दिन पूर्णाहुति के पश्चात भंडारे के साथ किया जाता है।

इस वर्ष के खास आयोजन-
जिस घडी का बेसब्री से निलकंठ महादेव के भक्तों को इंतजार रहता है वह घडी करीब आ जुकी है महाशिवरात्रि की सभी तैयारियां निलकंठेशवर भक्ति धाम परिवार ने लगभग पूरी कर ली। निलकंठेशवर भक्ति धाम की 35 वी वर्षगांठ के साथ 26 फरवरी को महाशिवरात्रि बडे ही धुमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाई जाएगी सुबह से ही शिव लिंग निर्धारण के साथ महादेव का विशाल अविशेख किया जाएगा तथा दोपहर को लाखो भक्त बराती बन महादेव की बरात मे सामिल होगे महादेव परिवार के साथ हनुमान जी महाराज के दिव्य स्वरूपों की झाकीया भी देखने को मिलेगी खुशिमय वातावरण के बीच बराती ढोल नगाडो मे थिरकते नजर आएगे। 27 फरवरी को सभी कार्यक्रमों की पूर्णाहुति के साथ महादेव के गीतो से गुंजमान करेगी धार्मिक गीत गायिका शहनाज अख्तर जिनकी आवाज मे जादू है जिनकी ललकार सुनने के लिए महादेव के भक्त शहनाज अख्तर के आयोजक ने लाखो की संख्या मेU पहुचने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है। गीत संगीत के साथ विशाल भंडारे का आयोजन किया आएगा सभी नर रानी झुम झुम कर गीत संगीत के आन्नद के साथ प्रसाद ग्रहण करेगे।

भक्तिमय आयोजन भक्तो का आयोजन-
निलकंठेशवर भक्ति धाम के संचालक मदनलाल ग्रोवर संरक्षक विजयराघवगढ़ विधायक संजय सत्येंद्र पाठक तथा शिव उपासक बाबू ग्रोवर रुद्राक्ष ग्रोवर ने भक्तो को आमंत्रित करते हुए अपील के माध्यम से कहा की यह भक्तिमय आयोजन भक्तो की भावनाओं के लिए आयोजित किया जाता है। इस आयोजन मे भक्तो अपनी आस्था विश्वास और भक्ति मे लिन होकर निलकंठेशवर भक्ति धाम पहुचता है जिसकी भावनाओं का सम्मान करना हम सब का प्रथम कर्तव्य है।

(शेरा मिश्रा पत्रकार विजयराघवगढ़ कटनी)

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