डॉ पुष्पेन्द्र सिंह गौतम बने भारतीय शिक्षण मंडल महाकौशल प्रान्त के अध्यक्ष

छतरपुर। भारतीय शिक्षण मंडल, महाकौशल प्रांत के प्रांत कार्यकारणी की बैठक जबलपुर के एक निजी विश्वविद्यालय में आयोजित हुई। उक्त बैठक में अखिल भारतीय संगठन मंत्री बी. आर. शंकारानंद के साथ अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. संजय पाठक सहित महाकौशल प्रांत के सभी 21 जिलों के दायित्वाान कार्यकर्ता उपस्थित हुये। बैठक में महाकौशल प्रांत में चल रही गतिविधियों की समीक्षा की गई तथा नवीन प्रांत कार्यकारणी 2023 की घोषणा की गई जिसमें प्रांत अध्यक्ष के रूप में श्री कृष्णा् विश्वविद्यालय के चेयरमेन डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह गौतम को प्रांत अध्यक्ष का दायित्व प्रदान किया गया उनके साथ डॉ. कमलेश मिश्रा को मंत्री तथा योगेश मोहन दुवे को कोषप्रमुख सहित महाकौशल प्रांत के कुल 43 कार्यकर्ताओं को दायित्व प्रदान किये गये।
उल्लेखनीय है कि डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह गौतम भारतीय शिक्षण मण्डल में काफी समय से प्रांत उपाध्यक्ष के दायित्व पर ज़िम्मेदारी का निर्वहन कर रहे थे , इस दौरान आपने सरल ,सौम्य् व संगठनात्मक कार्यप्रणाली से महाकौशल प्रांत में अभ्यास वर्ग के आयोजन के साथ कई जिलो में प्रवास कर संगठन को सुद्रढ किया।
डॉ. गौतम ने भारतीय शिक्षण मंडल के लिए विभिन्न स्थलों पर नवाचार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर सेमिनार के साथ अपनी सनातन संस्कृति के संरक्षण हेतु विभिन्न कार्यक्रमों व संगोष्ठियों का आयोजन किया। ऐसे उत्कृष्ट कार्यों को ध्यान में रखते हुए और भारतीय शिक्षण मंडल के उपाध्यक्ष पद के दायित्वों का न्यायसंगत निर्वाहन करने से प्रांत कार्यकारिणी के सदस्यों की सहमति पश्चात अखिल भारतीय संगठन मंत्री बी. आर. शंकारानंद की अनुमति उपरान्त डॉ. गौतम को महाकौशल प्रांत का प्रांत अध्यक्ष मनोनीत किया गया ।
प्रांत कार्यकारणी की घोषणा पश्चात बी. आर. शंकारानंद ने सभी दायित्ववान कार्यकर्ताओं को दायित्व बोध कराया तथा बताया कि दायित्व संगठन को संगठित करने के लिये प्रदान किये गये है सभी कार्यकर्ता है संगठन प्रमुख है संगठन से उपर कार्यकर्ता व दायित्व नही है आप सभी कार्यकर्ताओं को चाहिये कि संगठन को नियमित समय प्रदान करे व प्रवास करे जिससे कि महाकौशल प्रांत सम्पूंर्ण भारत वर्ष में आदर्श प्रांत के रूप में पहचाना जा सके। साथ ही अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. संजय पाठक ने सभी दायित्ववान कार्यकर्ताओं को बधाई दी तथा संगठित होकर भारतीय शिक्षण मण्डल की मूल भावना के साथ कार्य करने हेतु प्रेरित किया। कल्याण मंत्र के साथ बैठक संम्पन्न की गई।