लाखो बच्चों का भविष्य सवार कर राजेश दुवे हुए सेवानिवृत्त

कटनी। विजयराघवगढ़ धार्मिक नगरी मे निवास करते वाले शासकीय शिक्षक राजेश दुवे की सेवाएं आज 30 जून 2025 को समाप्त हुई वह अपने परिवार की खुशियो मे सामिल हुए। राजेश दुवे ने सम्पूर्ण जीवन समाज हित के साथ साथ छात्रों के भविष्य को संवारने मे लगाया श्री दुवे शिक्षक के साथ साथ राम भक्त भी है साथ ही दुवे जी का सम्पूर्ण परिवार धार्मिक आस्था मे लिन रहता है। राजेश दुवे एक बहुत सुन्दर वक्ता भी माने जाते हैं मंच संचालन जब जब दुवे जी ने किया अनोखी शब्दावली के साथ सम्बोधन प्राप्त हुआ कुल मिला कर एक शिक्षक को सरस्वती माता का बरदान प्राप्त रहा। उनकी मधुर वाडी दुशमन को भी गले लगाले इन सभी खुवियो के साथ राजेश दुवे ने शिक्षा जगत मे रह कर लाखो बच्चों का भविष्य सवारा।

ईश्वर की कृपा से सर्वसुविधायुक्त होते हुए भी कभी कोई घमंड लालच नही देखा गया स्वभाव के मामले मे सरल सहज किन्तु गलत कभी बर्दास्त नही करते न खुद गलत करते न्याय अन्याय की परख के साथ उन्होंने अपने बच्चों मे भी संस्कारों की गंगा का प्रवाह किया साथ ही अनेको स्कूलों मे अपनी सेवा देने वाले राजेश दुवे जी ने समय समय पर शिक्षा जगत मे अनेको ऎसे कार्य किए जिनकी बजह से शिक्षा जगत गौरवान्वित हुआ। छात्रों के भविष्य के लिए वह उनके जीवन को सवारने के लिए कई बार शिक्षको को शक्ति बर्तनी पढती है दुवे जी ने भी शक्ति दिखाई किन्तु बाद मे छात्रों को अपनी ज्ञान गंगा से अभिसिंचित करते हुए समझाते हुए उन्हे उचित मार्गदर्शन कर उन्हे नेक राह पर चलना सिखाया।
लगभग शासकीय सेवाओं को 60 वर्षो तक देने के पश्चात जब आज उन्हे शिक्षा जगत परिवार छोडना पडा तो राजेश दुवे की आखे नम दिखी खुशी अपने परिवार को अधिक समय देने की थी तो दुख शिक्षा जगत को छोडने का था भावुक छडो मे श्री दुवे जी ने ईश्वर का सहरा लिया और यही कहा ईश्वर की कृपा रहेगी तो मै अपने परिवार के साथ साथ अपने शिक्षक व छात्रों को भी समय देता रहूगा। शासन ने मुझे शिक्षा का दाईतव परिवार पालने के लिए नही बल्कि छात्रों का भविष्य सवारने के लिए मिला था मैने अपने दाईतवो का निर्वाहन पूरी इमानदारी से किया अगर कही कोई त्रुटि या गलती हुई हो तो मुझे माफ करे। इन शब्दों मे राजेश दुवे जी की भावनाएं झलक रही थी वह न चाहते हुए भी समय अनुसार अपने दाईतवो का त्याग कर रहेथे वह चाहते थे की कुछ व्यक्त और इस शिक्षा जगत को दू पैसो की खातिर नही बल्कि जीवन भर की गयी सेवा से मिला एक लगाव अपने पन का अहसास करा रहा था।
दुवे जी के विदाई समारोह मे बडे बुजुर्गों साथियों मित्रों ने राजेश दुवे के साथ गुजरे वक्त और अनुभव को साझा किया तो वही छोटो व छात्रों ने जीवन मे मिले अनमोल रत्न शिक्षा से जीवन को सवारने वाले राजेश दुवे की ख्याति का गुडगान किया राजेश दुवे जैसे शिक्षक की आवश्यकता आज भी है कल भी रहेगी ऎसे शिक्षको की बजह से आज समाज को डाक्टर इंजीनियर सैनिक व पुलिस जैसे अनेको शिक्षित युवाओं का सत्संग प्राप्त होता है ज्ञान गंगा की तरह एक दूसरे के माध्यम से हमेशा निरंतर बहता ही रहता है राजेश दुवे जी की शिक्षा को हमेशा शिक्षा जगत याद करेगा आज एक सितारा शिक्षा जगत से दूर हुआ किन्तु अब समाज ऎसे शिक्षक के ज्ञान से अभिसिंचित होगा।
(शेरा मिश्रा पत्रकार विजयराघवगढ़ कटनी)