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आज का पंचांग: आचार्य जगदीश महराज के साथ

डेस्क न्यूज। आज का पंचांग में जाने आचार्य जगदीश महराज से राशिफल, राहुकाल, सहित आज का ब्रत एवं त्यौहार सहित स्वास्थ सहित आयुर्वेदिक उपाय।

दिनांक – 17 जनवरी 2024
विशेषज्ञ ज्योतिष जन्म कुंडली कर्मकांड अनुष्ठान पूजन पाठ यज्ञ हवन आदि कार्यों के लिए सम्पर्क करें
दिन – बुधवार
विक्रम संवत् – 2080
अयन – उत्तरायण
ऋतु – शिशिर
मास – पौष
पक्ष – शुक्ल
तिथि – सप्तमी रात्रि 10:06 तक तत्पश्चात अष्टमी
नक्षत्र – रेवती 18 जनवरी प्रातः 03:33 तक तत्पश्चात अश्विनी मूल नक्षत्र है
योग – शिव शाम 05 :13 तक तत्पश्चात सिद्ध
राहु काल – दोहर 12:00 से 01:30 तक
सूर्योदय – 07:23
सूर्यास्त – 06:16
दिशा शूल – उत्तर
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:38 से 06:30 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:23 से 01:16 तक
व्रत पर्व विवरण – गुरु गोविंदसिंहजी जयंती (ति. अ)
विशेष – सप्तमी को ताड़ का फल खाया जाय तो वह रोग बढ़ानेवाला तथा शरीर का नाशक होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

वायु की तकलीफ में-
वायु की तकलीफ है, जोडों का दर्द है तो १०-१५ तुलसी के पत्ते, १-२ काली मिर्च, १०-१५ ग्राम गाय का घी मिलाकर खाया करें । वायु सम्बन्धी बीमारियों में आराम होगा ।

कलह, धन-हानि व रोग-बाधा से परेशान हों तो.-
घर में कलहपूर्ण वातावरण, धन-हानि एवं रोग-बाधा से परेशानी होती हो तो आप अपने घर में मोरपंख कि झाड़ू या मोरपंख पूजा-स्थल में रखें।
नित्य नियम के बाद मन-ही-मन भगवन्नाम या गुरुमंत्र का जप करते हुए इस पंख या झाड़ू को प्रत्येक कमरे में एवं रोग-पीड़ित के चारों तरफ गोल-गोल घुमाये।
कुछ देर ‘ॐकार ‘ का कीर्तन करें-करायें। ऐसा करने से समस्त प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है तथा ऊपरी एवं बुरी शक्तियों का प्रभाव भी दूर हो जाता है।

स्वप्न में देशी गौवंश व गौ-उत्पादों के दर्शन से शुभ फल-
स्वप्न में गौओं, उनसे प्राप्त दूध, दही आदि गव्यों तथा प्रसंगों, क्रियाओं के दर्शन से नीचे दिये अनुसार विभिन्न फल प्राप्त होते हैं।
१] साँड अथवा गौ-दर्शन से कल्याण-लाभ, व्याधि-नाश, कुटुम्ब-वृद्धि होती है। सभी काली वस्तुओं का दर्शन निंद्ध माना जाता है जबकि काली गाय का दर्शन शुभ होता है । गौ के थन को चूसना भी श्रेष्ठ माना गया है।
२] गौ का घर में ब्याना, बैल या साँड की सवारी करना, तालाब के बीच में घी-मिश्रित खीर का भोजन उत्तम माना गया है । घी सहित खीर का भोजन तो राज्यप्राप्ति का सूचक माना गया है।
३] स्वप्न में ताजे दुहे हुए फेनसहित दुग्ध का पान करनेवाले को अनेक भोगों की तथा दही के दर्शन से प्रसन्नता की प्राप्ति होती है।
४] जो बैल अथवा साँड से युक्त रथ पर अकेला सवार होता है और उसी अवस्था में जाग जाता है उसे शीघ्र धन मिलता है।
५] घी मिलने या दही खाने से यश की तथा दही मिलने से धन की प्राप्ति निश्चित है। इसी प्रकार यात्रा आरम्भ करते समय दही और दूध का दिखना शुभ शकुन माना गया है।
६] दही-भात खाने से कार्यसिद्धि होती है तथा बैल पर चढ़ने से धन-लाभ होता है एवं व्याधि से छुटकारा मिलता है।

स्वप्न में उपरोक्त अनुसार देशी गोवंश व गाय के दूध-दही आदि के दर्शनमात्र से यदि इतना फल मिल सकता है तो प्रत्यक्ष देशी गाय के दर्शन व सेवा से कितना महान फल मिलता होगा, आप सोच सकते हैं लेकिन जो भी सोचेंगे फल उससे कई-कई गुना अधिक ही होगा ।

🚩🚩 ll जय श्री राम ll 🚩🚩

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