छतरपुर की पूर्व तहसीलदार सुश्री रंजना यादव को कमिश्नर सागर ने दिया आरोप पत्र

छतरपुर। छतरपुर एसडीएम कार्यालय में पूर्व पदस्थ रहीं सुश्री रंजना यादव के मनमाफिक तरीके से किए गए नामांतरण एवं राजस्व के प्रकरणों के संबंध में सागर कमिश्रर वीरेन्द्र रावत ने एक आरोप पत्र जारी किया है।
जिसमें सुश्री रंजना यादव के खिलाफ जो आरोप पत्र दिए गए हैं उसमें उनके द्वारा लगभग 750 प्रकरणों का निराकरण किया गया है परंतु उनके द्वारा 24 घंटे में सूची उपलब्ध नहीं कराई गई। इसके अलावा छतरपुर के ग्राम ढडारी, मोराहा, गुरैया, बूदौर, रौरा, रामगढ़ के अलावा छतरपुर के ऐसे लगभग 50 से 60 प्रकरण हैं जिनको 30.10.2023 को निरस्त किया गया और दिनांक 31.10.2023को आवेदक के बिना आवेदन लिए उन आदेशों को संबंधित के पक्ष में पारित कर दिया। मजेदार बात ये है कि तहसीलदार रंजना यादव के द्वारा छतरपुर तहसील में रहते हुए नामांतरण के प्रकरणों में भारी भ्रष्टाचार किया है।
जिसकी शिकायत सागर कमिश्रर से की गई थी उन्होंने आरोप पत्र सौंपा है। पूर्व कलेक्टर संदीप जी आर का रंजना यादव को संरक्षण प्राप्त था। तहसील के वकीलों ने एक माह तक तहसीलदार रंजना यादव के खिलाफ आंदोलन व धरना प्रदर्शन किया उसके बावजूद भी पूर्व कलेक्टर ने उन्हें तहसील से अलग नहीं किया था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व कलेक्टर ने भी इसमें अच्छा फीलगुड तहसीलदार मेडम से कर लिया था जिसके चलते वह भी रंजना यादव को संरक्षण दिए हुए थे।
तहसील न्यायालय में चलने वाले सभी प्रकरणों की उच्च स्तरीय जांच की मांग वकीलों के द्वारा की गई थी।अपर कलेक्टर छतरपुर के द्वारा कमिश्रर सागर के पत्र के आधार पर तहसील के अन्य कर्मचारियों को अपर कलेक्टर के न्यायालय में उपस्थित होने के आदेश जारी किए गए हैं कुल मिलाकर रंजना यादव के द्वारा नामांतरण और राजस्व प्रकरणों में शासन के नियमों को ताक में रखकर भारी रकम वसूली कर निराकरण किया गया है। जिसकी जांच चल रही है।











