पेट्रोल पंप संचालक से डकैती करने के मामले में 05 आरोपीगण को 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास
प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश बिजावर रूपेश कुमार गुप्ता ने सुनाई सजा

छतरपुर। अभियोजन कार्यालय बिजावर से प्राप्त जानकारी के अनुसार फरियादी अभिषेक अग्रवाल ने थाना बिजावर में उपस्थित होकर एक लिखित शिकायती आवेदन पत्र इस आशय का प्रस्तुत किया कि दिनांक 29.11.19 को रात्रि 08ः15 बजे वह रोजाना की तरह अपने जटाशंकर पेट्रोल पम्प चक्कर की सड़क बिजावर से 1,92,500/-रूपये अपनी स्कूटी की डिग्गी में एक एलकोस लिखे हुए थैले में रखे था, लेकर अपने घर तरफ जा रहा था, जैसे ही वह चक्कर की सड़क पर अतीक मिस्त्री के डिब्बा के सामने पहुंचा तभी बाईक पर दो लोग बैठे हुए आये और उसकी स्कूटी के सामने उन्होंने अपनी बाईक लगा दी, तब मैं खड़ा हो गया और तभी एक व्यक्ति और पैदल बगल से आ गया और उसने कट्टा की बट से मेेरेे सिर में कई बार मारा तथा एक व्यक्ति जो बाईक पर था उसने भी अपने कट्टा से बट तरफ से मेरे सिर में ताबड़तोड़ चोटें मारी और एक व्यक्ति बोला कि रूपया निकाल तो मैं घबरा गया और उसने मेरी स्कूटी की चाबी लेकर स्कूटी की डिग्गी से मय थैला के 1,92,500/-रूपये छीन लिये तथा मेरी कमर से लायसेंसी पिस्टल 32 बोर की जिसमें तीन कारतूस लगे थे, को एक बदमाश ने छीन लिया। मैं काफी भयभीत हो गया और चिल्लाया तो सामने से उसके बड़े भाई आशीष अग्रवाल व राकेश सिंह जो बाईक से आ रहे थे, उन्हें देखकर तीनों बदमाश अपनी बाईक से बहुत तेजी से कट्टा लहराते हुए दहशत फैलाते हुए भाग गये। फरियादी की उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाना बिजावर में आरोपीगण के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आवश्यक विवेचना उपरांत अभियोग पत्र मान0 न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुये जिला स्तरीय समिति द्वारा मामले को चिन्हित जघन्य सनसनीखेज अपराध की श्रेणी मंे रखा गया।
अभियोजन की ओर से एडीपीओ/अपर लोक अभियोजक, अजय प्रताप सिंह बुन्देला ने पैरवी करते हुये मामले के सभी सबूत एवं गबाह कोर्ट में पेश किये, विचारण उपरांत प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश बिजावर के न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश श्री रूपेश कुमार गुप्ता, बिजावर द्वारा आरोपीगण अखिलेश राजपूत, मनप्यारे राजपूत, नईम उर्फ नहू, राशिद उर्फ छोटू एवं अरबाज उर्फ जैकस्पेरो को भा.दं.वि. की धारा 395 सहपठित धारा 397 के आरोप में 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000-5000 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।