प्रत्याशी को अपने अपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी

छतरपुर। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार विधानसभा चुनाव में लड़ने वाले प्रत्याशी को अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि की सार्वजनिक सूचना देनी होगी। चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी का यदि किसी तरह का आपराधिक रिकॉर्ड है, तो इसकी जानकारी अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एवं समाचार पत्रों में प्रकाशित करेंगे। प्रथम प्रकाशन नामांकन वापसी की अवधि के पहले चार दिवस के भीतर, दूसरा प्रकाशन अगले पांच से आठ दिवस के बीच (7 नवम्बर से 10 नवम्बर के मध्य) और तीसरा प्रकाशन 9वें दिवस से प्रचार अभियान के अंतिम दिवस (11नवम्बर से 15 नवम्बर तक) करना होगा।
आयोग के दिशा-निर्देशानुसार राष्ट्रीय समाचार पत्र जिनकी कम से कम एक संस्करण की संख्या डीएवीपी/ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन के मानक अनुसार न्यूनतम 75000 से अधिक हो एवं जिनका एक से अधिक राज्य में सर्कुलेशन हो तथा इसी प्रकार ऐसे स्थानीय समाचार पत्रों जिनमें संख्या डीएवीपी/ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन के मानक अनुसार न्यूनतम 25000 हो, में प्रकाशन की कार्यवाही की जाना है। सर्व साधारण की जानकारी के अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफार्म एवं समाचार पत्रों में प्रकाशित करेंगे।
रिटर्निंग ऑफीसर के हैण्डबुक के एनेक्जर-47 के आपराधिक प्रकरण वाले अभ्यर्थी एवं राजनैतिक अंतर्गत प्रारूप सी-1 से सी-8 तथा प्रारूप सीए का उल्लेख है। माननीय सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर दिये गये निर्णयों के परिप्रेक्ष्य में निर्वाचन लड़ रहे अभ्यर्थियों एवं राजनैतिक दलों से अपेक्षा की गई है कि आपराधिक इतिहास के विवरण सर्वसाधारण की जानकारी के अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एवं समाचार पत्रों में प्रकाशित की जाए।