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शिक्षा विभाग में भारी भ्रष्टाचार: शिक्षा विभाग के कर्मचारियों /अधिकारियों द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ाकर की जाती है नियुक्तियां

सागर। बाहुबली फिल्म में एक डायलॉग है। “मेरा वचन ही है शासन” उक्त डायलॉग की तर्ज पर रहली बी.ई.ओ.और जन शिक्षक द्वारा रहली विकासखंड अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला हरिजन टोला (छपरा) के प्रधान अध्यापक को मौखिक आधार पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति कर दी जाती है बाद में वह पैसा अतिथि शिक्षक और अधिकारी मिल बाटकर खाते हैं।

घटना रहली विधानसभा के हरिजन टोला प्राथमिक शाला छपरा में मात्र 22 बच्चे दर्ज हैं जिनमें दो नियमित शिक्षक पदस्थ हैं। लेकिन शिक्षकों के बताए अनुसार दो अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई। अब वास्तव में चार शिक्षकों की सेवाएं तभी हो सकती हैं जब बच्चों की संख्या 91 से अधिक हो।

विभाग के ही लोगों के द्वारा जब यह बात स्थानीय मीडिया को बताई गई तब पत्रकारों ने जाकर उपरोक्त संस्था के प्रधानाध्यापक से संपर्क किया तब यह मामला सामने आया। कुछ बातों को और अनियमितताओं को स्वीकार करने के बावजूद कुछ सवालों को प्रधानाध्यापक टाल गए।

यदि मीडिया के द्वारा उठाए हुए इस घोटाले और षड्यंत्र को शासन प्रशासन गंभीरता से लेता है तो रहली ब्लॉक में बहुत बड़ा घोटाला शिक्षा विभाग में सामने आ सकता है। सुशासन और जनता की सेवा का दवा करने वाली सरकार क्या इस मामले में गंभीरता से ध्यान देते हुए त्वरित कार्यवाही करेगी यह आने वाले समय में दिखाई देगा। निश्चित तौर से जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा डकारने में शिक्षा विभाग के अधिकारी कोई संकोच नहीं कर रहे हैं; और यह गोरखधंधा पिछले दस बारह सालों से बदस्तूर जारी है।

कई बार तो अधिकारी घमंडपूर्वक कहते सुने गए कि हम कुछ भी करें कोई अधिकारी हमारा बाल बांका नहीं कर सकता। देखना होगा आने वाले समय में क्या वास्तव में कोई एक्शन शासन प्रशासन द्वारा लिया जाता है या नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए यह सब भ्रष्टाचार बदस्तूर जारी रहेगा।

(पुरुषोत्म लाल पटेल गढ़ाकोटा सागर)

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