लुप्त हो रही परम्परागत को जिवित रखते हुए कार्यक्रम आयोजित हुआ

कटनी। जिले के विजयराघवगढ़ में बुजुर्गों की कुछ परम्परा लुप्त होती दिख रही है। जैसे आम के वृक्षो का विवाह निज निवास से बाल्को का उपनयान संस्कार। पैसा खर्चों और समय का सदुपयोग करने को लेकर आज कल इस परम्परा को लुप्त किया जा रहा है जादातर सार्वजनिक या धार्मिक स्थानो पर सामुहिक उपनयान मे लोगों की रुचि देखी जा रही है।
ऐसे मे रिटायर्ड शिक्षक स्व आईडी दुवे जी के पुत्र हरीश दुवे ने अपने दोनो बाल्को वेंकटेश व वेदांश दुवे का उपनयान संस्कार अपने निज निवास वार्ड न 12 से करा रहे हैं हरीश दुवे का मानना है की पिता आईडी दुवे जी द्वारा जो संस्कार हमे मिले वही संस्कार हम अपने पुत्रों को भी देगे हरिश दुवे का कहना है कि यह बात सत्य है की समय और पैसो का खर्च अधिक होता है किन्तु यह खर्च हम अपने बच्चों के संस्कार के लिए करते हैं तीन दिन का यह कार्यक्रम मेरे बेटो को संस्कार के साथ साथ समाज के बडे बुजुर्गों का आशिर्वाद प्रदान करेगा 19 फरवरी को मागरमाटी मंडप 20 को मात्रिका पूजन तथा 21 फरवरी को ब्रतबंध व बृम्हण भोजन होगा। उपनयान एक ऐसा आयोजन होता है जिसमे बच्चों को तरह तरह के संस्कारों का ज्ञान होता है।
बृम्हण कुल मे जन्मे बच्चों का उपनयान संस्कार घर मे ही करना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ी को ज्ञात हो की बृम्हण के लिए उपनयान संस्कार कितना आवश्यक है। इस उपनयान कार्यक्रम को लेकर दुवे परिवार ही नही बल्कि सम्पूर्ण नगर मे खुशी देखी जा रही है बडे लम्बे अर्से के बाद पूरे विधी विधान के साथ ऐसा उपनयान कार्यक्रम देखने को मिल रहा है जो औरो को प्रेरणा का स्रोत बना है।
(प्रशांत मिश्रा शेरा पत्रकार विजयराघवगढ़ कटनी)