आर्थिक तंगी और नियुक्ति को लेकर अतिथि शिक्षक हो रहे परेशान, किसी को नहीं है अतिथि शिक्षकों की तकलीफ से सहानुभूति

मध्यप्रदेश। सागर जिले के गढाकोटा शोषित अतिथि शिक्षकों से प्राप्त जानकारी अनुसार कहते हैं कि शिक्षक विद्यार्थी के रूप में समाज का और देश का निर्माण करता है। इसलिए शिक्षक, गुरु का पद सर्वाधिक सम्मानीय और पूज्नीय होता है। जिस भारतीय संस्कृति में शिक्षक या गुरु को गोविंद(भगवान) से भी ऊंचा स्थान प्राप्त है उसी देश में और उसे देश के मध्य प्रदेश में अतिथि शिक्षक शिक्षकों की दशा दयनीनी और विचारणीय है।
शैक्षणिक सत्र 2023-24 में अतिथि शिक्षक अपनी सेवाएं तो जुलाई माह से दे रहे हैं लेकिन इनके मानदेय का भुगतान लगभग नहीं के बराबर हुआ है। अतिथि शिक्षक जिन पर अपने पूरे परिवार के पालन पोषण की जिम्मेदारी है वह एक-एक पैसे को मोहताज हैं। प्रदेश की इस समस्या के साथ ही रहली विधानसभा के अतिथि शिक्षक ज्यादा ही परेशान हैं।
क्योंकि यहां सभी क्षेत्रवासी जानते हैं कि वर्तमान में बी. ई.ओ. के पद पर पदस्थ इंदू नाथ तिवारी अपने तानाशाही रवैया को लेकर कई बार सुर्खियों में आते रहे हैं। अपने चहेतों की मौखिक आदेश के आधार पर अतिथि शिक्षक के पद पर नियुक्तियां हो या अनेक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में मरम्मत राशि का दुरुपयोग हो। यह घोषित रूप से रहली ब्लॉक के शिक्षा माफिया के तौर पर जाने जाते हैं।
जब रहली विधानसभा के अनेक अतिथि शिक्षकों ने शासन के आदेश के विरुद्ध निकाले जाने का विरोध किया और बी.ई.ओ. से निवेदन किया तब भी उन अतिथि शिक्षकों को इधर-उधर की बातें बनकर लौटा दिया गया। मजबूर अतिथि शिक्षकों ने मीडिया के समक्ष अपनी बात रखी। साथ ही कहा अगर हम लोगों की शासन के नियमानुसार नियुक्ति नहीं होती और विगत पांच-छह माह का वेतन नहीं मिलता तो हम लोग धरना प्रदर्शन के लिए मजबूर हैं।
शोषित अतिथि शिक्षक संघ रहली के अजय ठाकुर पंकज साहू नरेश सेन भानुमति पटेल मुकेश अहिरवार जगन्नाथ प्रजापति अमित विश्वकर्मा शंकर लाल चढ़ल रश्मि साहू सचिन रैकवार सीताराम कुर्मी आशीष कुर्मी रहली विधानसभा के पत्रकारों के द्वारा इस महत्वपूर्ण विषय को उठाया गया। देखना होगा इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी एवं कलेक्टर महोदय क्या एक्शन लेते हैं।
(पुरुषोत्तम लाल पटेल गढ़ाकोटा सागर)