छतरपुरमध्यप्रदेशसागर संभाग

कोतवाली पुलिस की एक और बड़ी कार्रवाई आईपीएल का सट्टा खिलाने वाले माफिया को गिरफ्तार कर कार्यवाही

बिना नंबर की कार, मोबाइल, 22300 की नगद, सहित करीबन साढ़े 16 लाख की संपत्ति की जप्त

छतरपुर। थाना प्रभारी अरविन्द्र कुजूर की एक और बड़ी कार्रवाई आईपीएल का सट्टा खिलाने वाले माफिया को गिरफ्तार कर कार्यवाही,दिनाँक 13.05.2024 की रात्रि गस्त के दौरान के दौरान मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुयी कि परवारी मोहल्ला छतरपुर में कुछ व्यक्ति एक कार में मोबाइल से आईपीएल टीमो पर क्रिकेट मैच का हार जीत का दाव लगाकर अपने अपने मोबाइलो से सट्टा खेल रहे है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह एवं नगर पुलिस अधीक्षक अमन मिश्रा के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक अरविंद कूजूर के नेतृत्व में पुलिस टीम प्रभारी मोहल्ला पहुंचे। मुखबिर के बताये हुये स्थान पर जाकर देखा। खड़ी बिना नंबर की काले रंग की ह्यूण्डई वेरना कार में बैठा एक व्यक्ति दूसरी तरफ के गेट खोलकर भाग गया।

घेराबंदी कर बैठे व्यक्ति को पकड़ा गया। नाम पता पूँछने पर अपना नाम गोलू प्रजापति पिता नानु प्रजापति उम्र 19 साल निवासी एमएलबी कॉलेज के पास बेनीगंज मोहल्ला छतरपुर, एवं साथ में सट्टा खेलते हुए भागने वाले व्यक्ति का नाम, सुरेश रैकवार निवासी बेनीगंज मोहल्ला छतरपुर बताया। तलाशी लेने पर मोबाईल में ऑनलाईन सट्टा की आईडी पर आईपीएल के मैचों पर हार-जीत का दाव लगाते पाया गया।

जप्त सामग्री-
आरोपी के कब्जे से 22 हजार 300 रुपये नगद, 1 एंड्राइड मोबाइल, एक ह्युंडाई कम्पनी की वेरना कार कीमती करीबन 16 लाख रुपये, सट्टेबाजी के 10 लाख 26 हज़ार 300 रुपये का हिसाब किताब वाला एक रजिस्टर, कुल मसरुका करीब साढ़े 16 लाख रुपए रुपये का क्रिकेट टीमों पर हार जीत का सट्टा खेलते पाये जाने पर से मुताबिक जप्ती पत्रक के जप्त कर कब्जे पुलिस लिये गये। कार से भागे हुऎ आरोपी एवं गिरफ्तार अभियुक्त के विरुद्ध नामजद अपराध पंजीबद्ध कर वैधानिक कार्यवाही की गई। अभियुक्त को धारा 41(1) जा.फौ. का नोटिस देकर न्यायालय उपस्थित होने बावत पाबंद किया गया। फरार आरोपी सहित अन्य संबंधित आरोपियों की तलाश एवं विवेचना कार्यवाही जारी है।

उक्त कार्यवाही में निम्नांकित रही महत्वपूर्ण भूमिकाः-
उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी निरीक्षक अरविंद कुजूर, सहायक उप निरीक्षक दारा सिंह, प्रधान आरक्षक राजेश पाठक, राजेश अहिरवार, अवधेश चतुर्वेदी एवं आरक्षक उमेश, सौरभ एवं भूपेंद्र की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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