मध्यप्रदेशछतरपुरसागर संभाग

बसपा नेता महेंद्र गुप्ता हत्याकांड का मुख्य आरोपी 90 हजार का इनामी गिरफ्तार

पिछले पांच वर्षों से फरार 90000 रूपये के ईनामी आरोपी राजकुमार सिंह उर्फ रानू राजा निवासी ग्राम सीगोन थाना ईशानगर को किया गिरफ्तार

मध्यप्रदेश। छतरपुर जिले के बिजावर अनुविभाग अंतर्गत थाना ईशानगर के ग्राम सीगोन के रानू राजा की कई वर्षों से ग्राम ईशानगर के पूर्व सरपंच महेन्द्र गुप्ता से पारिवारिक रंजिश चल रही थी जिसका बदला लेने के लिये आरोपी द्वारा अपने परिवार के सदस्य व शूटरों के साथ मिलकर दिनांक 04.03.24 को छतरपुर शहर में गजराज पैलेस के सामने रोड पर गोली मारकर हत्या कर फरार हो गये थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक छतरपुर द्वारा विभिन्न टीम बनाई गई और सभी पहलुओं पर व्यापक स्तर पर कार्य किया गया। छतरपुर पुलिस द्वारा कङी मशक्कत कर आरोपी रानू राजा एवं उसके फऱार साथियों के सभी संभावित ठिकानों पर दबिश की जा रही थी।

पुलिस अधीक्षक छतरपुर अगम जैन के निर्दशन में गठित टीमों द्वारा आरोपीगणों की तलाश के दौरान मुख्य आरोपी रानू राजा के कुल 10 साथीदारो को घटना में प्रयुक्त हथियारों के साथ पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका था, लेकिन मुख्य सरगना फरार ईनामी आरोपी रानू राजा पुलिस की गिरफ्त से दूर था।कल रात्रि में सिविल लाइन पुलिस को मुखबिर सूचना मिली कि रानू राजा को छतरपुर टीकमगढ़ बॉर्डर के पास देखा गया है जिस पर टीम द्वारा रात्रि में घेराबंदी कर मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया।

आरोपी ने प्रारम्भिक पूछताछ इन प्रकरण को स्वीकार करने के अलावा बताया कि वर्ष 2019 में ग्राम सीगोन में भोपाल सिंह की गोली मारकर हत्या कर फरार हो गया था तथा मुख्य साक्षी ग्राम सीगोन के महेश लुहार के ऊपर न्यायालय में साक्ष्य बदलने हेतु निरंतर दबाब बनाया गया एवं साक्ष्य न बदलने की स्थिति में हत्या करने की धमकी दी गई जब महेश लुहार ने प्रकरण में साक्ष्य बदलने से इंकार किया गया तो फरार आरोपी रानू राजा द्वारा अपने साथियों साथ मिलकर षडयंत्र रचकर गुमशुदा को प्रेम जाल में फांसकर अपहरण कर बंधक बनाया गया व भेद खुल जाने के भय से एक राय होकर गुमशुदा महेश लुहार की चाकूओं से गोदकर हत्या कर दी गई तथा पहचान मिटाने के आशय से उसके शव को चंबल नदी में फेंका गया। आरोपीगणों द्वारा उक्त हत्या के बाद अर्जुन सिंह निवासी बमीठा की हत्या सागर रोड थाना सिविल लाईन अतंर्गत करना स्वीकार किया गया। सभी प्रकरणों के विभिन्न पहलुओं की बारीकी से विवेचना की जा रही है और अन्य तथ्यों को खोजा जा रहा है। विवेचना जारी है।

इनका रहा निर्देशन एवं मार्गदर्शन – पुलिस महानिरीक्षक सागर जोन प्रमोद वर्मा, पुलिस उपमहानिरीक्षक छतरपुर रेंज ललित शाक्यवार, पुलिस अधीक्षक अगम जैन एवं अति.पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह।
इनका रहा नेतृत्व–
एसडीओपी बिजावर शशांक जैन, सीएसपी छतरपुर अमन मिश्ना।
गठित पुलिस टीम –
निरी. वाल्मीकि चौबे, उनि. धर्मेन्द्र अहिरवार, उनि. शैलेन्द्र चौरसिया, उनि. दीपक यादव, उनि. अतुल कुमार झा, उनि. किशोर पटेल, उनि. वीरेन्द्र रैकवार, उनि. राजकुमार तिवारी, उनि संजय पाण्डेय, प्र.आर. सतेन्द्र त्रिपाठी, प्रहलाद,भूपेन्द्र अहिरवार, बृजेश यादव, आरक्षक नरेश, धर्मेन्द्र चतुर्वेदी, भूपेन्द्र यादव, अरविंद यादव, पवन कुमार संजीव कुमार, बृजभान सिंह, रामप्रताप कुशवाहा, गौरव तिवारी, सतीश यादव, नरेन्द्र प्रजापति, दयाराम पटेल, श्याम सुंदर पाठक, धर्मेन्द्र पटेल सायबर सेल टीम से उनि. संदीप खरे, उनि सिद्धार्थ शर्मा, उनि कल्पना गुप्ता ,प्र.आर. किशोर रैकवार, संदीप तोमर, आरक्षक विजय ठाकुर, धर्मराज पटेल व सागर सायवर सेल से विजय शुक्ला, मुकेश राजगीर एवं आई.टी. सेल से राहुल भदौरिया की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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