मध्यप्रदेश

श्रमिक पीठों और रैन बसेरों के बाद बस्ती क्षेत्रों में होंगे सामुदायिक स्वास्थ्य शिविर

भोपाल। श्रमिक पीठों और रैन बसेरों में शिविर आयोजन के बाद स्वास्थ्य विभाग भोपाल द्वारा एक और पहल करते हुए शहरी बस्ती क्षेत्रों में सामुदायिक स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जायेंगे। 27 जून से प्रारंभ हो रहे ये शिविर सप्ताह के प्रत्येक गुरुवार को निर्धारित बस्ती क्षेत्र में आयोजित होंगे। भोपाल जिले में इसके पूर्व श्रमिक पीठों पर एवं रैन बसेरे में भी विशेष शिविर आयोजित किए गए थे, जिनके परिणाम बेहद उत्साहजनक रहे थे। इन शिविरों के माध्यम से 30 हजार से अधिक हितग्राहियों को विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं से लाभान्वित किया गया था।

सामुदायिक शिविरों के माध्यम से बस्ती क्षेत्र में रहने वाले लोगों को उनके निवास क्षेत्र में ही स्वास्थ्य की सभी सेवाएं समग्र रूप से मिल सकेंगी। इन शिविरों को बीमारियों के चिन्ह्यांकन एवं उपचार तक सीमित नहीं रखा गया है, बल्कि रेफरल एवं रेफरल पश्चात फॉलोअप भी सुनिश्चित किया गया है।

ये शिविर भोपाल की 60 बस्तियों में 18 जुलाई तक आयोजित किए जा रहे हैं, जिनको आगामी माह में अन्य क्षेत्रों में भी किया जावेगा। इन शिविरों में हितग्राहियों का स्वास्थ्य परीक्षण ,निशुल्क जांच एवं दवा वितरण, असंचारी रोगों की स्क्रीनिंग, ए एन सी जांच, हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं का चिन्ह्यांकन, कुपोषित बच्चों का चिन्ह्यांकन एवं रेफरल, आभा आईडी एवं आयुष्मान कार्ड बनाना एवं ई केवाईसी, नियमित टीकाकरण, जापानी इंसेफेलाइटिस टीकाकरण एवं वयस्क बीसीजी टीकाकरण की सेवाएं दी जाएंगी।

शिविरों में मेडिकल ऑफिसर, फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, सुपरवाइजर, डाटा एंट्री ऑपरेटर , ए एन एम एवं आशा के निर्धारित दायित्वों को सुनिश्चित किया गया है। शिविरों में सभी गर्भवती महिलाओं की 100% ए एन सी जांच, प्रथम तिमाही में पंजीयन एवं अपडेशन सुनिश्चित किया जाएगा। इस दौरान गर्भवती महिलाओं की समग्र आईडी, बैंक खाता आईएफएससी कोड सहित सभी जानकारी भी प्रविष्ट भी की जावेगी।

जन्म से 5 साल तक के बच्चों के टीकाकरण के लिए लाइन लिस्टिंग एवं जापानी इंसेफेलाइटिस व बीसीजी टीकाकरण के लिए हितग्राहियों को मोबिलाइज कर टीकाकृत किया जाएगा। कुपोषित बच्चों एवं अन्य बीमारियों के चिन्हित बच्चों को भी शिविर में उपचार हेतु चिह्नित किया जाएगा। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि गर्भवती महिला के सुरक्षित प्रसव होने तक फॉलोअप एवं जननी सुरक्षा योजना एवं प्रसूति सहायता योजना के भुगतान हो सके।

इन शिविरों में टीबी, कुष्ठ , हाइपरटेंशन, डायबिटीज़ एवं कैंसर के मरीजों को चिह्नित कर रेफरल एवं उपचार किया जाएगा। गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों की जांच हीमोग्लोबीनोमीटर से की जावेगी। जांच के पश्चात मॉडरेट एनीमिया, गंभीर एनीमिया, प्रेगनेंसी इंड्यूस्ड हाइपरटेंशन चिह्नित कर ब्लड ट्रांसफ्यूजन की सुविधा भी दी जाएगी।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि शिविर शहरी स्वास्थ्य संस्थानों के नजदीकी बस्ती क्षेत्र में आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे कि सभी लक्षित हितग्राही समग्र स्वास्थ्य सेवाओं से लाभान्वित हो सके। शिविरों का मुख्य उद्देश्य 100% हितग्राहियों को 100% स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाना है।

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