छतरपुरमध्यप्रदेशसागर संभाग

जलबिहार महोत्सव में बुंदेली लोकगीतों ने बांधा समां

छतरपुर। बुंदेलखंड की संस्कृति में लोकगीतों का अपना एक अलग महत्व है । बुंदेली लोकगीत व बुंदेली संस्कृति बुंदेलखंड ही नहीं अपितु पूरे देश के विभिन्न क्षेत्रों में प्रसिद्ध है बुंदेली संस्कृति को सहेजने में मां अन्नपूर्णा मेला जलबिहार निरंतर अपनी आहुति देता रहा है जो कि निरंतर जारी है।

जलबिहार महोत्सव के महासचिव पं. सौरभ तिवारी ने बताया कि मेला घूमने व विमानों के दर्शन करने इन दिनों बड़ी संख्या में लोग मां अन्नपूर्णा मंदिर प्रांगण गल्लामंडी में पहुंच रहे हैं। बीते रोज मां अन्नपूर्णा जलबिहार के रंग मंच पर बुंदेली लोकगीतों की प्रस्तुतियां दी गई । लोकगीत सम्राट पं. देशराज पटेरिया जीवन पर्यंत मां अन्नपूर्णा की सेवा में वर्ष में एक बार अपनी टीम जलबिहार महोत्सव में प्रस्तुति देते थे उसी कड़ी को आगे बढ़ते हुए उनके भतीजे जयप्रकाश पटेरिया एवं साथी कलाकारों ने मां अन्नपूर्णा मेला जलविहार के मंच पर बुंदेली लोकगीतों की प्रस्तुतियां दी जिसे खूब सारा गया अंत में समिति द्वारा सभी कलाकारों को सम्मानित किया गया । सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में 24 सितंबर को प्रसिद्ध लोकगीत गायक राजा जयसिंह के लोकगीतों की प्रस्तुतियां होगी और 25 सितंबर को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ 81 वें जलबिहार महोत्सव का समापन होगा व विमानों की विदाई होगी ।

इन मंदिरों के बिहारी जी विमान में दे रहे दर्शन-
महासचिव पं. सौरभ तिवारी ने विमानों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 81 वर्षों से मां अन्नपूर्णा मंदिर प्रांगण में अनवरत शहर के प्राचीन मंदिरों के विमान रखे जाते हैं। मां अन्नपूर्णा मंदिर प्रांगण में अन्नपूर्णा देवी के साथ कुंजन के कुंजबिहारी मंदिर, छैलबिहारी मंदिर, बांकेबिहारी जू मंदिर, छोटे बिहारी जू मंदिर, स्वामी जगन्नाथ जी मंदिर, धनुषधारी मंदिर, नंदी सर्राफ मंदिर, लक्ष्मण जी मंदिर रामजानकी मंदिर, स्वर्णकार राम-जानकी मंदिर, श्रीगणेश जी आदि मंदिरों के भगवानों के दर्शन श्रृद्धालुओं को एक ही प्रांगण में हो रहे हैं । संरक्षक देवकीनंदन मिश्रा ने बताया कि श्रवण द्वादशी से वर्ष भर में एक बार जलबिहार महोत्सव में ही ये सब ठाकुर जी के विमान एक साथ गल्लामंडी स्थित मां अन्नपूर्णा दरबार में बिराजते हैं। मां अन्नपूर्णा मेला जलबिहार समिति ने समस्त क्षेत्रवासियों से प्राचीन मंदिरों के विमानों के दर्शन करने, मेला घूमने एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लेने का आग्रह किया है।

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