भारतीय ज्ञान परंपरा के अंतर्गत अकादमिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन
निबंध लेखन, भाषण, लोकगीत, पोस्टर तथा सामान्य ज्ञान प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों ने की भागीदारी

सागर। शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गढ़ाकोटा में भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के तत्वावधान में प्राचार्य डॉ०ए०के० सिन्हा तथा भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के समन्वयक एवं प्रभारी डॉ० घनश्याम भारती के नेतृत्व में भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित अकादमिक तथा सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया।
इस आयोजन में प्रकोष्ठ के सलाहकार महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष श्री शमिक कुमार शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। मुख्य वक्ता श्रीगणेश संस्कृत महाविद्यालय गढ़ाकोटा के आचार्य श्री नीतेश दुबे थे। कार्यक्रम का संचालन सुश्री आकृति खरे ने किया तथा आभार डॉ०कलसिंह पटेलिया ने व्यक्त किया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन, सरस्वती पूजन के साथ हुआ। सरस्वती वंदना छात्राओं ने प्रस्तुत की।
अकादमिक तथा सांस्कृतिक गतिविधियों के पश्चात प्रतिभागियों का सम्मान समारोह भी आयोजित हुआ जिसमें समस्त प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र देकर अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। निबंध लेखन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान तुलसा काछी, द्वितीय स्थान दुर्गेश अहिरवार तथा तृतीय स्थान वर्षा कोरी ने प्राप्त किया। पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान मुस्कान पटेल, द्वितीय स्थान मोहिनी कुर्मी तथा तृतीय स्थान गायत्री पटेल ने प्राप्त किया। भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान दुर्गेश अहिरवार, द्वितीय स्थान ओम तिवारी तथा तृतीय स्थान पर अमित खरे रहे। लोकगीत प्रतियोगिता में प्रथम स्थान अमित खरे, द्वितीय स्थान पर ओम तिवारी तथा तृतीय स्थान अतुल तिवारी ने प्राप्त किया। सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में प्रथम स्थान वर्षा कोरी, द्वितीय स्थान नंदिनी प्रजापति तथा तृतीय स्थान अमित खरे ने प्राप्त किया।
मुख्य अतिथि श्री शमिक कुमार शर्मा ने भारतीय ज्ञान परंपरा के संदर्भ में कई महत्वपूर्ण बातें अपने वक्तव्य में कहीं। मुख्य वक्ता श्री नीतेश दुबे ने भारतीय ज्ञान परंपरा में भारतीय संस्कृति तथा ऋषि मुनियों के योगदान की चर्चा की। प्रकोष्ठ के समन्वयक डॉ० घनश्याम भारती ने भारतीय ज्ञान परंपरा में रामकथा की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा में रामकथा ज्ञान के क्षेत्र में विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों का विकास करती है।
प्राचार्य डॉ० ए०के० सिन्हा ने नैतिक मूल्यों तथा भारतीय ज्ञान परंपरा पर अपना वक्तव्य दिया। लोकगीतों में संगीत के प्रस्तुतीकरण में महाविद्यालय के शिक्षक श्री आकाश सेन तथा सचिन पाल का महत्वपूर्ण सहयोग रहा। कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त शिक्षक, कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
(गढ़ाकोटा रिपोर्टर-पुरुषोत्तम लाल पटेल)