विचार गोष्ठी का आयोजन कर मनाया गया दशहरा पर्व
9 अक्टूबर 2023 को मनाया जाएगा वीर पर्व

छतरपुर। महाराजपुर में दशहरे के पावन पर्व पर आर्य समाज महाराजपुर में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम का शुभारंभ ईश वंदना देव यज्ञ से हुआ, उसके पश्चात एक विचार गोष्ठी रखी गई जिसका संचालन आर्य समाज के उपमंत्री उमेश कुमार आर्य के द्वारा किया गया।
प्रथम वक्त में श्री सूर्य सेन ने अपने विचारों में बताया मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने अपना संपूर्ण जीवन मर्यादा में रहकर दुष्टों का संघार किया आर्य समाज महाराजपुर मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के सच्चे स्वरूप की पूजा करता है। इसके पश्चात शासकीय नेहरू उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रधान अध्यापक श्री मुन्नालाल कुशवाहा द्वारा अपने विचार रखे गए उन्होंने बताया किसी भी संस्था का विकास तभी संभव है जब उसमें शिक्षा संघर्ष संगठन यह सभी गुण विद्यमान हो। व्यक्ति यदि शिक्षित नहीं है तो उसे अच्छे बुरे का ज्ञान नहीं होता जिसके कारण व्यक्ति बुराई की ओर बढ़ जाता है अतः व्यक्ति को शिक्षित होना जरूरी है । सपना आर्य द्वारा भगवान राम को आर्य श्रेष्ठ बताया गया उन्होंने बताया कि भगवान राम एक श्रेष्ठ महापुरुष थे इसलिए उन्हें आर्य पुत्र भी कहा गया है आर्य समाज का प्रमुख लक्ष्य समाज और देश में श्रेष्ठ पुरुषों का निर्माण करना है।
उप मंत्री उमेश कुमार आर्य ने बताया कि जिस व्यक्ति की आत्मा कमजोर होती है वह कभी उन्नति नहीं कर सकता इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपनी आत्मा को उन्नत बनाने का प्रयास करना चाहिए जिसके लिए आत्मा को उसका भोजन अर्थात परमात्मा की वाणी वेद ज्ञान दिया जाना अति आवश्यक है। आर्य समाज के कोषाध्यक्ष अजय अमर आर्य ने बताया कि आज व्यक्ति, सामाजिक बुराइयों की ओर अग्रसर है परिवार में बच्चे मोबाइल की बुरी लत में डूबे हुए हैं जिस कारण उनका मानसिक विकास रुका हुआ है अतः परिवार के सदस्यों को इस ओर ध्यान देना अति आवश्यक है।
आर्य समाज के प्रधान दयाराम आर्य दशहरा पर्व को बुराई पर अच्छाई का प्रतीक बताया उन्होंने बताया की जो रावण था वह एक अत्यंत बुरा अधार्मिक व्यक्ति था। उसकी बुद्धि नष्ट हो जाने के कारण उसने बुराई का रास्ता अपनाया और उसका संघार हुआ। आर्य प्रतिनिधि सभा के मंत्री जय नारायण बताया कि व्यक्ति आज भौतिकवाद मैं फस चुका है जिसके कारण उसे मानव जीवन की कीमत का बोध नहीं मानव जीवन का क्या लक्ष्य है इसका ज्ञान न होने के कारण व्यक्ति इधर-उधर विभिन्न प्रकार के पाखंडों में फंसा रहता है और अपने इस कीमती जीवन को नष्ट कर देता है जिस कारण उसे अन्य भोग योनियों में विचरण करना पड़ता है आर्य समाज व्यक्ति को मोक्ष की ओर ले जाने वाला वह रास्ता है जिस पर चलकर व्यक्ति मोक्ष प्राप्त कर सकता है किंतु अज्ञानता बस व्यक्ति आर्य समाज के सिद्धांतों और ज्ञान से अछूता है।
उन्होंने बताया 29 अक्टूबर 2023 दिन रविवार को आर्य समाज में आर्य वीर दल का वीर पर्व उल्लास पूर्वक मनाया जाना है जिसमें 12 वर्ष से अधिक के युवा ले सकते है। वर्ष 2024 में आयोजित आर्यवीर दल शिविर एवं महर्षि दयानंद सरस्वती की 200 वी जयंती के उपलक्ष में होने वाले भव्य कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की जाएगी। आर्यसमाज उपप्रधान लखनलाल आर्य ने सभी आगन्तुकों का आभार व्यक्त किया और शांतिपाठ के पश्चात कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।