फार्मर आईडी और खसरा से आधार लिंकिंग का कार्य कैम्प लगाकर युद्ध स्तर पर करें: कलेक्टर
कलेक्टर ने एसडीएम और तहसीलदार को प्रतिदिन 5-5 कैम्पों का निरीक्षण करने के दिए निर्देश, जिला स्तर पर कंट्रोल रूप से की जाएगी मॉनिटरिंग, कृषकों को पीएम किसान योजना का लाभ लेने के लिए फॉर्मर आईडी अनिवार्य

छतरपुर। कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने बुधवार को जिलेभर के कृषकों की फार्मर आईडी बनाए जाने के संबंध में राजस्व अधिकारियों के साथ वी.सी. के माध्यम से समीक्षा बैठक की। वीसी में भू अभिलेख, कृषि, कॉपरेटिव सहित संबंधित अधिकारी जुड़े रहे।
कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्राम स्तरीय शिविर के माध्यम से फार्मर आईडी बनाए और प्रत्येक दिन में एसडीएम और तहसीलदार 5-5 शिविरों का निरीक्षण करें। उन्होंने कहा जिला स्तर पर कलेक्ट्रेट में कंट्रोल रूम बनाया जाए। जिससे कार्य प्रगति और अधिकारियों के निरीक्षण की मॉनिटरिंग की जा सके। कलेक्टर ने समस्त पीएम किसान योजना के हितग्राही किसानों की फार्मर आईडी बनाए जाने एवं खसरा से आधार की लिंकिंग कार्य युद्ध स्तर पर बनाए जाने का शत प्रतिशत पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि आर.आई., पटवारियों की बैठक कर कार्य में सभी को लगाएं। साथ ही कृषि और कॉपरेटिव सहित संबंधित विभाग अपने अमले को कार्य में लगाए। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि सीएससी केन्द्र संचालकों के साथ बैठक करें और प्रत्येक कैम्प पर सीएससी प्रतिनिधि उपस्थित रहे। साथ ही इंटरनेट की व्यवस्था सुलभ रहे।
कलेक्टर ने कहा कि प्रत्येक कृषक भूमिस्वामी को एक यूनिक आईडी भारत सरकार द्वारा जनरेट कर प्रदान किया जा रहा है, ताकि कृषकों को आसानी से केसीसी ऋण कम्प्यूटरीकृत प्रणाली से सत्यापन की प्रक्रिया सुनिश्चित की जा सके। मार्च 2025 के बाद पीएम किसान योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए फार्मर आईडी होना अनिवार्य है।
वीसी के माध्यम से कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि आम जनता को राजस्व की सभी सेवाओं नामांतरण, फौती नामांतरण, सीमांकन, बंटवारा सहित अन्य सभी शासकीय योजनाओं का लाभ समय से मिले।