कलयुग की भयावहता के बीच सतयुग की स्थापना करने हुआ है श्री शक्तिपुत्र जी महाराज का अवतार

डेस्क न्यूज@संपादक आशुतोष द्विवेदी। इस कलयुगी वातावरण में जहां इंसान- इंसान का नहीं हो रहा हैं बड़े-बड़े मठाधीश मठो में बैठकर सनातन धर्म के नाम पर लोगों को ठगने और गुमराह करने में लगे हुए हैं। ऐसी भयावह स्थिति कलयुग में सच्चिदानंद के अवतार श्री शक्तिपुत्र जी महाराज विश्व की एक मात्र धर्म धुरी परमधाम सिद्धाश्रम के संस्थापक संचालक ऋषियों के सम्राट ब्रह्मर्षि स्वामी सच्चिदानन्द जी महाराज के अंशावतार हैं। इनका जन्म ही कलयुग की भयावहता के बीच सतयुग की स्थापना करने के लिये हुआ है और समाज को नशामुक्त, मांसाहारमुक्त व चरित्रवान् बनाते हुए माँ की साधना-आराधना की तरफ बढ़ाना है। आज तक धर्मसाम्राट युगचेतना पुरुष परमहंस योगिराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज ने कई लाख परिवारों को पूर्णतः नशामुक्त और मांसाहार मुक्त किया है। जों एक अनुकरणीय एवं विचारणीय विषय हैं की इस दिव्य परम धाम से कैसे बगैर किसी दवा के लाखों लोगों को नशा मुक्त किया गया हैं। गुरुदेव भगवान के द्वारा नशा मुक्त किए गए लाखों शिष्य इसके प्रमाण हैं जों देश व विदेश में फैले हुए हैं।

आपको बता दे की गुरुदेव भगवान श्री शक्तिपुत्र जी महाराज ने 23 जनवरी सन् 1997 में भारतवर्ष के मध्यप्रदेश प्रान्त के शहडोल जिले की ब्यौहारी तहसील स्थित ग्राम मऊ में पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम धाम की स्थापना की है। वहां पर 15 अप्रैल 1997 से श्रीदुर्गाचालीसा का अखण्ड पाठ प्रारम्भ कराया है, जो अहर्निश चौबीसों घण्टे अनन्त काल के लिये चल रहा है। इसकी ऊर्जा से सिद्धाश्रम धाम का वातावरण पूर्णतया चैतन्य है। यहां पर आने वाले भक्तों के लिये भोजन एवं रुकने की व्यवस्था निःशुल्क रहती है। गुरुवरश्री से मिलने एवं किसी भी समस्या के समाधान के लिये किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता है। आज हम और आप ऐसे अवतारी युग चेतना पुरुष को पहचानें और इनके द्वारा बताये हुए मार्ग पर चलकर अपना जीवन धन्य बनायें।











