संपादकीय

दूध पर हुआ दलालों का कब्ज़ा?, हजारों लीटर दूध जा रहा जिले से बाहर

डेस्क न्यूज@आशुतोष द्विवेदी। बुंदेलखंड के छतरपुर जिले में हमेशा दूध की नदिया बहती रही हैं और आज भी यहां दूध की नदिया बह रही हैं बस फर्क सिर्फ इतना हैं कि पहले यह दूध जिले के बच्चों को और आम जनमानस को पीने के लिए प्रतिदिन मिल जाता था लेकिन आजकल आलम यह हैं कि जिले में दूध के सक्रिय दलाल जिले का सारा दूध जिले से बाहर ऊंचे दामों में बेचकर अपना पेट भर रहे हैं और जिले के मासूम बच्चों के मुंह से दूध का गिलास तो ठीक उसका नाम तक छीनने में लगे हुए हैं।

आपको बता दे की जिले की स्थिति इतनी बद से बदतर हो गई हैं कि दुधमुहे बच्चों को डिटर्जेन्ट से तैयार दूध पीना पड़ रहा हैं। क्योंकि प्रतिदिन हजारों लीटर दूध कलेक्शन सेंटर पर पहुंच जाता हैं। जहां से यह दूध टैंकरो के जरिये बाहर भेजा जाता हैं। जिले से हजारों लीटर दूध प्रतिदिन ग्वालियर, झाँसी, सागर, जबलपुर और भोपाल पहुंचाया जा रहा हैं। जिले में कई जगह यह सेंटर संचालित होकर हजारों लीटर दूध का स्टोर कर इसको बाहर भेजनें में लगे हुए हैं।

शुरूआती समय में इन दूध सेंटर की संख्या कम थी लेकिन कमाई की बजह से इन सेंटर की संख्या सैकड़ो में पहुंच गई हैं जिसके खिलाफ सैम्पल लेकर कार्यवाही का दिखावा कर अधिकारी चुप्पी साध लेते हैं। क्योंकि कलेक्शन सेंटर संचालक इस छूट के बदले में सुबिधा शुल्क देने की बात करते हैं। इतना हीं नहीं आरटीओ बैरियल से भी दूध के टेंकर आसानी से निकल जाते हैं। गौरतलब हैं कि दूध का घटिया कारोबार अब ग्रामीण दूध वालों नें दूध कलेक्शन सेंटर संचालको से सीख लिया हैं जों धीरे-धीरे इस समूचे जिले में फ़ैल गया हैं। जों कैनो में भरकर जिले भर में स्थित कलेक्शन सेंटर पर देकर नगद भुगतान ले रहे हैं और नगद लेने के बाद सिंथेटिक दूध बनाकर घरों तक पंहुचा रहे हैं। स्थित यह हैं कि प्रतिदिन हजारों लीटर दूध जिले से बाहर जा रहा हैं।

इनका कहना-
जिले में हो रही दूध की किल्लत के लिए में कलेक्टर से बात कर दूध का एक रेस्यू निकलवाऊंगी कि जिले में कितने दूध का आयात हो रहा हैं और जिले में कितने दूध की जरुरत हैं। जिले की जरुरत पूरी होने के बाद हीं दूध का निर्यात करने के लिए में जल्द और ठोस कदम उठाउंगी जिससे जिलेवासियों को दूध की किल्लत से निजात मिल सके।
श्रीमती ललिता यादव, पूर्व मंत्री एवं विधायक छतरपुर विधानसभा

आज तो 50₹-60₹ लीटर का दूध भी पानी जैसा होता हैं क्योंकि दूध वाले ज्यादा कमाने के चक्कर में दूध कलेक्शन सेंटर पर देते हैं और मिलावटी दूध आम जनमानस को पिला रहे हैं जिससे बीमारियां भी लगातार बढ़ रही हैं सत्ताधारी सरकार के जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन कोई ठोस कार्यवाही नहीं करते इससे यह सारा मिलावट का खेल चल रहा हैं। अगर जल्द कोई ठोस कार्यवाही इन मिलावटखोरों के खिलाफ नहीं होती हैं हो हमारी पार्टी पूरे जिले में उग्र आंदोलन करेंगी।
श्रीमती मंजू द्विवेदी, जिलाध्यक्ष महिला मोर्चा भारतीय शक्ति चेतना पार्टी छतरपुर

(आशुतोष द्विवेदी संपादक शक्ति न्यूज)

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