मोदी की जनसभा के मायने: डा. रवीन्द्र अरजरिया

डेस्क न्यूज । अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देश को सम्मानजनक स्थान दिलाने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छतरपुर के स्टेडियम में जनसभा करके भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय प्रत्याशियों के लिये वोट देने की अपील की। मोदी के जोशीले भाषण ने आगन्तुकों को खासा प्रभावित भी किया। उनका अंदाज बेहद अपनत्व भरा और आकर्षक रहा।
केन-बेतवा लिंक परियोजना सहित अनेक कार्यों का उल्लेख करते हुए मोदी ने विकास हेतु स्वयं की गारंटी को दाव पर लगाकर भाजपा प्रत्याशियों के विजयी बनाने की बात कही परन्तु प्रदेशाध्यक्ष बीडी शर्मा ने जिस अंदाज में अपनी बात रखी उससे न केवल दूरदराज से आने वालों मतदाताओं को खीज उठती रही बल्कि मंचासीन अतिथियों की भाव भंगिमा भी बेचैनी भरी दिखीं। पंडाल से भी लोगों ने उन्हें कई बार हूट भी किया। जब पानी सिर से ऊपर होने लगा तो बीडी शर्मा को जल्दी से अपना उद्बोधन समाप्त करने का आदेश दिया गया। तब कहीं जाकर उन्होंने माइक छोडा और उद्घोषणा कर रहीं पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष तथा पूर्व प्रत्याशी अर्चना सिंह ने प्रधानमंत्री को अपने उद्गार व्यक्त करने हेतु आमंत्रित किया।
इससे आमसभा के स्थान पर जनसभा के रूप में परिभाषित किया गया था। इस मंच से पूर्व विधायक उमेश शुक्ला ने भी मोदी के आगमन के पहले अपने विचार व्यक्त किये था। पंडाल में ही एक छोटे से स्थान को संगीत हेतु आरक्षित किया गया था जहां से दीपावली के स्वागतार्थ मौनिया नृत्य और गायन किया गया। कुल मिलाकर इस आयोजन से भाजपा के प्रति लोगों का रुझान बढने की संभावना है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के प्रत्याशी आलोक चतुर्वेदी भी अपनी व्यक्तिगत छवि, व्यक्तिगत कार्य और व्यक्तिगत प्रभाव को प्रचारित करने में जुटे हैं जिस पर लोगों का सकारात्मक दृष्टिकोण स्थापित है। अब देखना यह है कि मोदी की जनसभा के उत्तर में कांग्रेस किसे लेकर आती है।