आध्यात्मिक

ग्रहों के बुरे प्रभाव को अनुकूल बनाने का सबसे शशक्त माध्यम माँ गुरुवर की नियमित साधना ही है ,अन्य माध्यम जीवन के भटकाव हैं: शिव बहादुर सिंह

डेस्क न्यूज। हमारे जन्म से लेकर मृत्यु के समय तक ग्रहों के अनुसार हमारा जीवन चलता है। अच्छे और बुरे दोनों ग्रहों का प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है। बुरे ग्रहों के प्रभाव से हम सभी लोग चिंतित हो जाते हैं। बुरे ग्रहों के कारण आर्थिक और शारीरिक दोनों प्रकार की परेशानियों का सामना प्रत्येक मनुष्य को करना पड़ता है।

बुरे ग्रहों की स्थिति के कारण लोग नाना प्रकार की बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं, आर्थिक समस्याओं के कारण लोग विचलित हो जाते हैं। नाना प्रकार की समस्याओं से लोग जीवन भर जूझते हैं। इसी में बहुत सारे लोग भ्रष्ट लोगों के चंगुल में फंसकर लाखों रुपये बर्बाद कर देते हैं ,फिर भी समाधान प्राप्त नही हो पाता है। आज के समय में दुनियाँ भर के ढोंगी लोग अपना धंधा खूब जोरों-शोरों से चला रहे हैं। कलिकाल (कलयुग )अपना पूरा रंग दिखा रहा है। जिसको भी मौका मिल रहा है ,वही अपना हाँथ साफ़ करने से नही चूक रहा है।

चारों तरफ लूट खसोट चल रहा है। इन विपरीत परिस्थितियों में मनुष्य के जीवन में आशा की किरण के रूप में भगवती मानव कल्याण संगठन का उदय काफी समय पहले ही हो चुका है। ग्रहों की प्रतिकूलता को अनुकूल बनाने में गुरुदेव श्री शक्ति पुत्र महाराज जी की विचारधारा का आज के समय में अहम योगदान है। माँ गुरुवर जी की साधना करने वाले व्यक्ति के जीवन में बुरे ग्रहों का प्रभाव आंशिक रूप से पड़ता है। दरअसल जो भी व्यक्ति गुरुदेव जी के मार्ग का पालन करते हैं ,उनका जीवन धीरे-धीरे खुशहाल होता जा रहा है। तमाम तरह की समस्याओं से निजात मिल पा रहा है।

अक्टूबर (22,23,24 ) 2023 में विशाल शिविर का आयोजन किया गया है जहां लाखों लोगों नें वहाँ पहुँचकर शिविर का लाभ लिया और जीवन के तमाम मुश्किलों का समाधान प्राप्त किया। देखिये एक बात स्पष्ट है कि जब आप नियमित माँ गुरुवर की साधना करेंगे तो बुरे ग्रहों का असर ना के बराबर हो जाएगा। माँ गुरुवर जी की साधना में अपार शक्ति समाहित है। आपके बुरे भाग्य को शानदार भाग्य में बदलने की क्षमता इन साधनाओं में है। एक बार आप सिर्फ निरंतरता से साधना क्रम शुरू कर दीजिये ,फिर देखिये आपका पूरा जीवन ही परिवर्तित हो जाएगा। ग्रहों की बुरी स्थिति को अच्छी स्थिति में परिवर्तित करने की पूरी क्षमता इन साधना क्रमों में है ,अगर आपकी साधना की गति धीमी होगी तो बुरे ग्रह अपना प्रभाव जरूर दिखाएंगे।

पिछले सात जन्मों के कर्मों का फल हम लोगों के ऊपर इस जन्म में मिलता है। अतः संगठन की विचारधारा का हूबहू पालन कीजिये , जिससे जीवन के झंझावातों से छुटकारा मिल सके। कोई भी व्यक्ति जब नियमित साधना आराधना करने लगता है तो उसके विकार स्वतः ही नष्ट होने लगते हैं।उसे सत्य असत्य का ज्ञान होने लगता है। नशे ,माँस से मुक्त होकर जो व्यक्ति चरित्रवान जीवन जीने लगेगा ,उसका जीवन खुशियों से भरा होगा। चरित्रहीन व्यक्ति का जीवन पशुओं के समान होता है। अतः माँ गुरुवर जी की साधना को गति दीजिये और अपने जीवन को सफल बनाने का प्रयास करना प्रारम्भ कर दीजिये।

जै माता की जै गुरुवर की

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