आतंकी अजहर का करीबी मौलाना रहीम हुआ पाकिस्तान में ढेर

इस्लामाबाद एजेंसी। पाकिस्तान में भारत के दुश्मनों के मारे जाने का सिलसिला जारी है। अब इस सूची में अगला नाम पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक, पाकिस्तानी नेता और भारत का मोस्ट वांटेड मौलाना मसूद अजहर का करीबी मौलाना रहीम तारिक उल्ला का नाम शामिल हुआ है। रविवार को कराची में उसे अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी। सूत्रों का कहना है कि वह कराची में भारत के खिलाफ एकत्रित हुई लोगों की भीड़ को संबोधित करने जा रहा था। पिछले सप्ताह ‘लश्कर ए तैयबा’ के प्रमुख हाफिज सईद का करीबी ‘अकरम खान उर्फ अकरम गाजी’ भी पाकिस्तान के बाजापुर में अज्ञात हमलावरों की गोली का निशाना बना था। पाकिस्तान में इस साल मारे जाने वाले आतंकियों की संख्या अब एक दर्जन के पार पहुंच गई है।
अजहर की रिहाई के लिए किया गया था विमान का अपहरण- आतंकी संगठन, जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक मौलाना मसूद अजहर, भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में शामिल है। मसूद अजहर ने कश्मीर में अपनी सक्रियता बढ़ा रखी थी। वहां पर मसूद, भारत के खिलाफ आग उगलता रहता था। कश्मीर में ऐसे अलगाववादी समूह, जो भारतीय के खिलाफ सक्रिय थे, उन्हें एकजुट रखने की जिम्मेदारी अजहर को सौंपी गई थी। मसूद की गिरफ्तारी के बाद उसे रिहा कराने के कई प्रयास हुए। आतंकियों ने उसकी रिहाई के लिए दिल्ली में कुछ विदेशियों का अपहरण कर लिया था। हालांकि उसमें अजहर के साथियों को कामयाबी नहीं मिल सकी।
इसके बाद ‘हरकत-उल-अंसार’ समूह ने दोबारा से विदेशियों का अपहरण किया। इस बार भी उनका प्रयास विफल हो गया। साल 1999 में जम्मू की कोट भलवाल जेल से अजहर को बाहर निकालने के लिए सुरंग खोदी गई। बताया जाता है कि मसूद अजहर का वजन ज्यादा था, इस वजह से वह सुरंग में फंस गया। दिसंबर, 1999 में आतंकियों ने भारतीय विमान का अपहरण कर लिया था। उस विमान को कंधार ले जाया गया। विमान के यात्रियों की रिहाई के बदले भारत सरकार को मसूद अजहर समेत तीन खूंखार आतंकी रिहा करने पड़े थे।
आखिर कौन कर रहा है आतंकियों को खत्म- केंद्रीय एजेंसियों के सूत्रों का कहना है, पाकिस्तान में भारत के मोस्ट वांटेड एवं उनके सहयोगी लगातार मारे जा रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि आईएसआई, इन आतंकियों को महफूज रखने का प्रयास नहीं कर रही। इसके बावजूद आतंकी, अज्ञात हमलावरों का निशाना बन रहे हैं। हालांकि आईएसआई की तरफ से ऐसा आरोप लगाया जाता है कि इन सब हत्याओं के पीछे भारतीय एजेंसियों का हाथ है। दो तीन सप्ताह के अंतराल पर किसी न किसी आतंकी संगठन जैसे ‘जैश-ए-मोहम्मद’, ‘डी कंपनी’, ‘लश्कर ए तैयबा’, लश्कर-ए-जब्बर और लश्कर-आई-जांगवी आदि समूहों के सदस्य मारे जा रहे हैं। पाकिस्तानी आईएसआई ने हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन, जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर और ‘लश्कर ए तैयबा’ प्रमुख हाफिज सईद को सुरक्षा घेरा प्रदान किया है। इन्हें बुलेटप्रूफ गाड़ियां मुहैया कराई गई हैं। उन्हें सतर्क किया है कि वे अपने ठिकाने से बाहर न निकलें।
दर्जन भर आतंकियों का अभी तक हुआ खात्मा- पाक अधिकृत कश्मीर सेक्टर में मुजफ्फराबाद से लगभग 73 किलोमीटर दूर अथमुकाम तहसील में कुछ दिन पहले मियां मुजाहिद मारा गया था। मियां मुजाहिद के बारे में कहा जाता है कि जम्मू कश्मीर में 2018 के दौरान सेना के सुंजवान कैंप पर हुए आतंकी हमले का मास्टर माइंड ख्वाजा शाहिद था। आर्मी कैंप पर हुए हमले में तीन आतंकियों के शव बरामद किए गए थे। उस हमले को नाकाम बनाने में पांच जवान शहीद हुए थे। एक जवान के पिता की मौत और महिला एवं बच्चों समेत दस लोग घायल हो गए थे। आतंकियों के पास से एके-56 राइफल, ग्रेनेड और भारी मात्रा में गोला बारूद बरामद किया गया था। पाकिस्तान में अभी तक अकरम खान उर्फ अकरम गाजी, ख्वाजा शाहिद उर्फ मियां मुजाहिद, मोहम्मद सलीम, दाऊद मलिक, शाहिद लतीफ, मुल्ला बाहौर उर्फ होर्मुज, बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज, अबु कासिम, परमजीत सिंह पंजवड़, जहूर मिस्त्री, खालिद रजा और अब्दुल सलाम भट्टावी जैसे आतंकी मारे जा चुके हैं।
डी कंपनी’ का भी एक गुर्गा हुआ खत्म- पाकिस्तान में भारत के वांटेड आतंकी खत्म हो रहे हैं। 23 अक्तूबर को दाऊद इब्राहिम की ‘डी कंपनी’ का एक गुर्गा मारा गया था। मोहम्मद सलीम, कराची की दिल्ली कालोनी का रहने वाला था। सलीम की हत्या करने के बाद उसकी बॉडी, दरगाह अली शाह सखी सरमस्त के निकट ल्यारी नदी में फेंक दी गई। पुलिस स्टेशन, ल्यारी ने सलीम की बॉडी को नदी से बरामद किया था। पिछले दिनों दाऊद मलिक, जिसे वैश्विक आतंकी संगठन ‘जैश-ए-मोहम्मद’ के सरगना मसूद अजहर का करीबी बताया जा रहा था, वह पाकिस्तान के उत्तरी वजीरीस्तान में मारा गया था।