लीडर में सही निर्णय, साहस, आत्मविश्वास होना जरूरी: वाइस एडमिरल श्री त्रिपाठी
महाराजा छत्रसाल भारतीय पराक्रम भाषणमाला में हुआ प्रेरक उद्घाटन व्याख्यान, ऋषि मार्कण्डेय आयुर्वेदिक वन का हुआ उद्घाटन

छतरपुर। महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, छतरपुर में महाराजा छत्रसाल भारतीय पराक्रम भाषणमाला के तहत वाइस एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी, एवीएसएम, एनएम, फ्लैग आफिसर, कमांडिंग इन चीफ, पश्चिमी नौसेना ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रेरक उद्घाटन व्याख्यान दिया।इसके पूर्व गौरैया स्थित यूनिवर्सिटी के नए परिसर में वाइस एडमिरल श्री त्रिपाठी ने ऋषि मार्कण्डेय आयुर्वेदिक वन का उद्घाटन एक गरिमापूर्ण समारोह में किया।इन दोनों गरिमामयी कार्यक्रमों की अध्यक्षता कुलपति प्रो. शुभा तिवारी ने की। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में रियर एडमिरल अनिल जग्गी,प्रति कुलपति प्रो डीपी शुक्ला एवं कुलसचि यशवंत सिंह पटेल उपस्थित थे।
मीडिया सेल के संयोजक डा एसपी जैन ने बताया कि वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने नेतृत्व कौशल – एक भारतीय संदर्भ विषय पर प्रभावी व्याख्यान दिया। अपने भाषण में श्री त्रिपाठी ने भारतीय परिप्रेक्ष्य में लीडरशिप को परिभाषित करते हुए बताया कि यह इंसान के भावनात्मक एवं व्यावहारिक पहलू से सबंधित होता है। इसके अंतर्गत लीडर का कैरेक्टर, उसके द्वारा जिम्मेदारी का स्वीकार किया जाना एवं उसे बखूबी निभाया जाना शामिल होता है। लीडरशिप इंसान के अंदर मौजूद उस गुण का नाम है जिसके बल पर लीडर अपने आस पास के लोगों को उस कामयाबी तक ले जाने की क्षमता रखता है जिस पर लोगों को खुद ही यकीन करना मुश्किल होता है। एक सफल लीडर के पास उसके क्षेत्र से जुड़ा हुआ प्रोफेशनल ज्ञान का होना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि इसी की वजह से लोग आपके ऊपर विश्वास कर पाते हैं।
उन्होंने अपने उद्बोधन में बताया कि एक लीडर के पास विवेकपूर्ण व सही निर्णय लेने की क्षमता, डर से जीत कर आगे जाने का साहस, आत्मविश्वास, रिस्क लेने के लिए खुद पर भरोसा होना चाहिए, तभी कोई इंसान एक सफल लीडर बन सकता है। उन्होंने रामायण, महाभारत से तमाम सफल लीडर्स, शिवाजी महाराज एवं छत्रसाल महाराज का उद्धरण देते हुए बताया कि कैसे एक सफल लीडर को निडर होते हुए, सभी का विश्वास जीतते हुए आगे बढ़ना होता है। अंत में उन्होंने कहा कि आपके माता – पिता की सामाजिक एवं आर्थिक पृष्ठभूमि आपकी शुरुआत बताती है।यह कभी भी आपकी मंजिल की सीमा तय नहीं कर सकती।
श्री त्रिपाठी ने अपने प्रेरक भाषण के उपरांत छात्र छात्राओं के प्रश्नों तथा जिज्ञासाओं का सटीक समाधान किया।
कार्यक्रम का खुशनुमा आगाज सभी अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के भावपूर्ण अर्चन वंदन तथा अतिथियों के आत्मीय स्वागत से हुआ।संगीत विभाग की छात्राओं ने सुमधुर सरस्वती वंदना और विश्वविद्यालय कुलगान प्रस्तुत किया।इस प्रसंग पर वाइस एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी का कुलपति प्रो शुभा तिवारी एवं सभी विशिष्ट अतिथियों ने शाल – श्रीफल एवं सुंदर मोमेंटो भेंट कर भावभीना सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन कर रहीं डा दुर्गावती सिंह ने मुख्य अतिथि श्री त्रिपाठी का परिचय प्रस्तुत किया।
प्रारंभ में कुलपति प्रो शुभा तिवारी ने आत्मीय स्वागत उद्बोधन दिया।आपने महाराजा छत्रसाल के पराक्रम, नेतृत्व क्षमता,युद्ध कौशल,रणनीति को रेखांकित करते हुए कहा कि महाराज छत्रसाल के नाम पर हम सभी को गर्व होता है। हमें मानसिक रूप से अपने देश एवं समाज के प्रति सकारात्मक भाव रखना चाहिए। हमारी वेशभूषा, खान-पान एवं विविध संस्कृति हमें अद्वितीय बनाती है जो हमारे लिए यह गर्व का विषय है।अपने संबोधन में उन्होंने कहा हम चेहरे का साफ रंग देख कर रंग को पूरे व्यक्तित्व से जोड़ देते है। आप मानसिक रूप से सशक्त हों, सुदृढ़ रहें और आगे बढ़ें।आपने प्रधानमंत्री जी की नई शिक्षा नीति को मिशन के रूप में लेकर चलने की बात कही तथा विद्यार्थियों को शुभाशीष दिया।
इस खास अवसर पर सभी संकायों के विद्यार्थियों एवं पीएचडी छात्रों ने बड़ी संख्या में जगदीश चंद्र बोस हाल में उपस्थित रह कर श्री त्रिपाठी का व्याख्यान रुचिपूर्वक सुना।इस व्याख्यान का प्रसारण सरस्वती हाल में बैठे विद्यार्थियों के लिए भी किया गया।कार्यक्रम के अंत में रजिस्ट्रार यशवंत सिंह पटेल ने सभी का आभार ज्ञापित किया।इस अवसर पर चित्रकला विभाग द्वारा बनाए गए श्री त्रिपाठी के आकर्षक पोट्रेट उन्हें भेंट किए गए।पोट्रेट की अतिथियों सहित सभी ने सराहना की।
इसके पूर्व यूनिवर्सिटी के गौरैया स्थित नए परिसर में सोमवार को ही दोपहर में ऋषि मार्कण्डेय आयुर्वेदिक वन(फेज- 1) का उद्घाटन वाइस एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी के मुख्य आतिथ्य एवं विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.शुभा तिवारी की अध्यक्षता में समारोहपूर्वक विधि विधान के साथ हुआ।इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री त्रिपाठी, विशिष्ट अतिथि अनिल जग्गी, नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती ज्योति चौरसिया,प्रति कुलपति प्रो डीपी शुक्ला,रजिस्ट्रार यशवंत सिंह पटेल सहित उपस्थित प्राध्यापकों ने वृक्षारोपण किया।
उल्लेखनीय है कि यूनिवर्सिटी ने कई महीनों के अथक प्रयास से 15 एकड़ भूमि में देशी जड़ी बूटियों आदि के वृक्ष लगाने का कार्य किया है, जो भविष्य में पर्यावरण संरक्षण वाले सघन वन का रूप ले लेंगे।इस वृहद वृक्षारोपण के पुनीत कार्य में श्रमदान करने का वाले नेवी के 10 सैनिकों तथा 2 अधिकारियों का शाल, श्रीफल एवं सुंदर स्मृति चिन्ह से भावभीना सम्मान भी इस अवसर पर किया गया।