भौतिक जगत में जो व्यक्ति गुरुदेव श्री शक्तिपुत्र महाराज जी की विचारधारा का पूर्णतया पालन करता हो ,उससे बड़ा धनवान इस धरती पर कोई दूसरा नही है: शिव बहादुर सिंह

डेस्क न्यूज। स्थूल जगत (कलयुग ) में आज अत्यधिक पैसे कमाने वाले को धनी की श्रेणी में रखा जाता है।मैं इस बात से इनकार नही कर रहा हूँ की आर्थिक जगत में पैसे का कोई महत्व नही है।पैसे रुपये का महत्व है पर हमारी आवश्यक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये होना चाहिये। अत्यधिक विलासी जीवन जीना भी पतन के मार्ग की ओर अग्रसर होना होता है। धन की अधिकता का जब सदुपयोग किया जाय तो धन उपयोगी होता है पर जब धन का दुरुपयोग होने लगता है तो जीवन विनाश की ओर जाने लगता है।
स्थूल जगत के साथ ही हमारे जीवन में एक सूक्ष्म जगत भी है। जब हम लोग आध्यात्मिक पथ का जीवन जीने लगते हैं तो सही मायने में हमारे जन्म का उद्देश्य परिपूर्ण होता है। आप कितना भी धन एकत्रित कर लीजिये पर मरणोपरान्त आपके साथ कुछ भी नही जा पाएगा ,पर अगर हम अध्यात्म से जुड़े हैं तो हमारे इस जन्म के साथ साथ अगले कई जन्म सुधर जायेंगे। इन बातों पर ज्यादातर लोग ध्यान नही देते हैं। लोग सोचते हैं की जितना मौज ले सकते हैं ले लें। अगला जन्म किसने देखा है ?पर हमारी ये बहुत बड़ी भूल है।
पिछले जन्मों के बुरे कर्मों के फलस्वरूप ही तो हमारा वर्तमान जीवन कष्टकारी है ,अगर वही कार्य इस जन्म में भी करेंगे तो आप कल्पना कीजिये की भविष्य कितना भयावह होगा। गुरुदेव जी ने समाज को बड़ा ही शानदार मार्ग प्रदान किया है। उदाहरण स्वरूप आत्म कल्याण के लिये आप गुरुदेव जी द्वारा निर्देशित साधना क्रमों के द्वारा अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हैं। माँ ॐ का जप , गुरु मंत्र का जप ,माँ दुर्गा जी के मंत्र का जप , गुरु चालीसा पाठ और श्री दुर्गा चालीसा का पाठ आदि क्रमों से जीवन में शांति का समावेश होने लगता है। आप अपने जिले में हो रही महा आरती में स्वयं जाइये और अन्य लोगों को भी अपने साथ लेकर जाइये।
महाआरती में परिवार के सभी सदस्यों को लेकर जाइये। आप के जिले में हो रहे माँ दुर्गा जी की आरती और श्री दुर्गा चालीसा पाठ के क्रमों में जरूर जाइये। अपने घरों में भी और दूसरों के घरों में भी इन क्रमों का आयोजन कराइये।मानव जीवन के उद्धार के लिये इस धरती पर इससे बड़ा पुण्य का कोई भी अन्य कार्य है ही नही। आपके अन्दर जुनून होना चाहिये कि मैं लाखों लोगों को नशामुक्त करवाऊंगा। माँस खाने वालों को समझा कर ,उन्हें गुरुदेव जी की विचारधारा से अवगत कराउन्गा उन्हें माँसाहार मुक्त कराऊंगा। लाखों लोगों को चरित्र वान जीवन जीने के लिये प्रेरित करूँगा। जब आपको इस तरह का जुनून होगा तो आपका स्वतः का जीवन सुकून से बीतने लगेगा। आपके अन्दर आत्म विश्वास का जन्म होगा। यही आत्म विश्वास आपको कामयाब इन्सान बना देगा। अगले महीने आश्रम में महा शक्ति शंखनाद शिविर होने जा रहा है ,उस शिविर में आप स्वयं चलिये और दूसरों को अपने साथ ले चलिये। आपके साथ जो भी व्यक्ति जाएगा ,वहाँ से आने के बाद आपको बहुत बार धन्यवाद जरूर करेगा कि आपने उनके जीवन को प्रकाशमय बना दिया। गुरुदेव जी द्वारा निर्देशित समस्त मार्ग का पालन करने वाले सभी व्यक्ति आज के समय के सर्वाधिक खुशहाल व्यक्ति हैं।
बहुत सारे लोगों को जीवन पर्यन्त इन मार्गों की जानकारी नही हो पाती है अतः हमारा आपका प्रथम कर्तव्य है कि जो लोग भी इन मार्गों से अनभिज्ञ हैं ,उन्हें इन मार्गों का ज्ञान जरूर करायें। सिर्फ एक बार आप गम्भीरता से इन क्रमों को समझ लीजिये ,उसके बाद आप जीवन के बहुत सारे रहस्यों को स्वतः ही जान जायेंगे।हमारे आत्मा के ऊपर पड़े हुये तमाम विकारों को माँ गुरुवर जी की नियमित साधनाओं द्वारा हटाया जा सकता है। गुरुदेव जी की विचारधारा का पूरी तरह से पालन करने वाला व्यक्ति संसार का सर्वाधिक सुखी व्यक्ति है। इन क्रमों में अपार शक्ति समाहित है। आत्म कल्याण और जन कल्याण करने का जज्बा हमारे अन्दर कूट-कूट कर भरा होना चाहिये। हमारे मस्तिष्क में प्रति पल ,प्रति क्षण इन्हीं क्रमों का चिंतन होना चाहिये। तभी हमारा आपका कल्याण होगा।
जै माता की जै गुरुवर की