पं.धीरेन्द्र शास्त्री के खिलाफ आपत्ति जनक टिप्पणी तत्काल हटाओ: हाईकोर्ट, फेसबुक, ट्विटर व यू-ट्यूब और इलेक्ट्रानिक मीडिया को निर्देश

मध्यप्रदेश। छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम की इस वक्त की सबसे बड़ी खबर जबलपुर मप्र हाईकोर्ट ने बागेश्वर धाम के प्रमुख आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ की गई आपत्ति जनक टिप्पणियां तत्काल हटाने के निर्देश दिये है। जस्टिस संजय द्धिवेदी की एकलपीठ ने उक्त अंतरिम आदेश फेसबुक, यू-ट्यूब, ट्विटर जैसे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को दिये है।
एकलपीठ ने मामले में केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण विभाग के सचिव, महाकवरेज न्यूज एमपी के चीफ एडिटर, लाइव हिन्दुस्तान नई दिल्ली के चीफ एडिटर, प्रभात खबर कोलकाता के चीफ एडिटर, जनता वाणी के चीफ एडिटर, यू-ट्यूब गूगल के सीईओए फेसबुक मेटा हैदराबाद के सीईओ, ट्विटर कम्युनिकेशन के सीईओ और पूर्व विधायक आरडी प्रजापति को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले पर अगली सुनवाई 8 जनवरी 2024 को होगी। हाईकोर्ट में यह मामला आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के अनुयायी रंजीत सिंह पटेल की ओर से दायर किया गया था। जिसमें आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री के खिलाफ सोशल मीडिया पर पूर्व विधायक आरडी प्रजापति व अन्य द्वारा आपत्तिजनक पोस्ट करने को चुनौती दी गई थी। मामले में आवेदक की ओर से कहा गया कि आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री बागेश्वर धाम छतरपुर के पीठाधीश्वर हैं। वे सनातन धर्म के पूज्य संत हैं और उनकी महिमा पूरे विश्व में फैली है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि आचार्य शास्त्री से दुर्भावनावश पूर्व विधायक प्रजापति ने उक्त मीडिया में आपत्तिजनक पोस्ट और खबरें प्रकाशित कराई हैं।
आरोप है कि प्रजापति ने केवल आचार्य की प्रतिष्ठा धूमिल करने के उद्देश्य से ऐसा किया है। याचिकाकर्ता ने आचार्य शास्त्री के खिलाफ अपमानसूचक टिप्पणियों के संबंध में संबंधित अधिकारियों को शिकायतें कीं और उक्त मीडिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो हाईकोर्ट की शरण ली गई। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने उक्त अंतरिम आदेश देते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता पंकज दुबे व अक्षय खंडेलवाल ने पक्ष रखा।