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मप्र शासन का शैक्षणिक रिपोर्ट कार्ड हुआ जारी, छतरपुर, खंडवा और डिंडोरी रैंकिंग में टॉप थ्री पर

इंदौर और भोपाल अंतिम 10 में, नए सत्र से टीचर्स और स्टूडेंट्स की लगेगी ऑनलाइन अटेंडेंस

छतरपुर। मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रारंभिक शिक्षा 2023-24 के लिए शैक्षिक रिपोर्ट कार्ड जारी कर दिया गया है। मंत्री राव उदय प्रताप सिंह की मौजूदगी में शैक्षिक रिपोर्ट कार्ड पेश किया गया। तीसरे साल रिलीज हुआ शैक्षिक रिपोर्ट कार्ड। रैंकिंग में छतरपुर पहले नंबर पर, खंडवा दूसरे और डिंडोरी तीसरे स्थान पर है। हैरान करने वाली बात यह रही कि प्रदेश के 12 जिलों से टॉप 100 में एक भी स्कूल नहीं है। सीधी के सबसे ज्यादा 10 स्कूल टॉप 100 की लिस्ट में शामिल होने में कामयाब रहे। इंदौर और भोपाल शिक्षा के स्तर के मामले में पिछड़ गए हैं।

मध्य प्रदेश के छतरपुर, खंडवा, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, बालाघाट, दमोह, शाजापुर, दतिया, सिवनी सहित अन्य जिलों के रिपोर्ट कार्ड। ज्ञात हो नेशनल मीन्स कम मेरिट स्कॉलरशिप स्कीम के तहत राज्य के लिए 6446 सीटों का कोटा तय किया गया।

इनकी मेहनत से छतरपुर आया प्रथम स्थान पर- वहीं छतरपुर कलेक्टर संदीप जी.आर एवं जिला पंचायत की मुख्यकार्यपालक अधिकारी तपस्या परिहार (आईएएस) के निर्देशन में जिला परियोजना समन्वयक सर्व शिक्षा अभियान ए.एस पाण्डेय के मार्गदर्शन में सम्बंधित अमले की रात दिन की मेहनत का नतीजा हैं जो छतरपुर जिला प्रदेश में पहले नंबर पर आया।

भोपाल-इंदौर बना चिंता का विषय-
वहीं स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप ने कहा कि शैक्षिक रिपोर्ट कार्ड तमाम सोर्स के माध्यम से तैयार होता है। ग्रामीण क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। चिंता का विषय यह है कि भोपाल और इंदौर जैसे शहर शिक्षा में पिछड़ रहे हैं। इसके लिए हम कदम उठा रहे हैं। शिक्षा ना बने बोझ, इसलिए डिपार्टमेंट ने अपनाई नई नीति। नो बैग डे का सर्कुलर दिया है, ताकि बच्चों को हफ्ते में एक दिन बोझ न लगे, उस दिन केवल बच्चों के बौद्धिक विकास और खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा दिया जाएगा।

सरकार ने ऑनलाइन एजुकेशन पर दिया जाएगा जोर-
मंत्री उदय प्रताप ने कहा कि ऑनलाइन एजुकेशन पर दिया जाएगा जोर। तमाम विद्यालयों का निरीक्षण कराया जाएगा। जिले में अच्छा काम करने वाले विद्यालयों को सम्मानित किया जाएगा। रैंकिंग ऑर्गनाइज न हों, इसलिए हम अलग-अलग सूत्रों के आधार पर रैंकिंग का डाटा निकालते हैं। रूरल एरिया अच्छा काम कर रहे हैं, ये अच्छी बात है। सरकारी स्कूल के बच्चे काफी चैलेंजेस के बाद भी अच्छा रिजल्ट निकाल रहे हैं।

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