मध्यप्रदेशशहडोलशहडोल संभाग

नौकरशाह बने लापरवाह: प्यास बुझाने भटक रहे तीन चीतल बने कुत्तों का निवाला

मध्यप्रदेश। प्रदेश के शहडोल जिले में मई माह की चिलचिलाती गर्मी में प्यास से व्याकुल तीन चीतल संभागीय मुख्यालय के शहरी इलाके में घुस आए। जिन्हें आवारा कुत्तों ने अपना निवाला बना लिया। लगातार घट रही इन घटनाओं के बाद भी वन विभाग के नौकरशाहों की कर्तव्य परायणता अभी भी दिखलाई नहीं दे पा रही है और नौकरशाह जानवरों के लिए पानी की व्यवस्था कराने में भी किसी प्रकार की रुचि नहीं ले रहे हैं। जिससे साफ जाहिर होता हैं की नौकरशाह अब लापरवाह होते जा रहें हैं जिसका मुख्य कारण ऐसे लापरवाह लोगों पर कार्यवाही ना होना।

मई माह के प्रथम सप्ताह में एक चीतल पुरानी बस्ती शहडोल के रिहायशी इलाके में रात को जंगल से आकर शहरी क्षेत्र में पानी की तलाश में दर-बदर भटक रहा था। जिस पर आवारा कुत्तों की नजर पड़ गई। कुछ समय बाद ही आवारा कुत्तों ने चारों ओर से उसे नोंच-नोच कर अपना निवाला बना लिया।

मई माह के तीसरे सप्ताह यानी कि दो दिन पूर्व कोतवाली के ठीक पीछे स्थित विद्युत मंडल शहडोल की कॉलोनी में कल्याणपुर की सीमा से लगे वन क्षेत्र से एक चीतल प्यास बुझाने की मंशा से घुस आया, जिस पर आवारा कुत्तों की नजर पड़ गई और उन्होंने अपना शिकार बना लिया।

इसी माह के तीसरे सप्ताह यानी कि बुधवार व गुरुवार की दरम्यानी रात प्यास बुझाने के मकसद से स्टेडियम के सामने स्थित आदिवासी बालक छात्रावास के समीप आ गया। जिस पर आवारा कुत्तों की नजर पड़ गई और इस मादा चीतल को कुत्तों ने अपना ग्रास बना लिया। जिसकी जानकारी गुरुवार की अल सुबह ही शहर वासियों को लगी। बाद में वन अमला मौके पर पहुंचा और अपनी कर्तव्य परायणता की खानापूर्ति करता हुआ दिखलाई दिया।

अभी भी बन अमले ने नहीं कराई पानी की व्यवस्था-
जहां एक ओर केन्द्र एवं प्रदेश सरकार जंगली जानवरों की प्यास बुझाने के लिए पानी के वास्ते पानी की तरह ही पैसा बहा रही है। वहीं दूसरी ओर शहडोल संभाग का वन अमला मूक जंगली जानवरों की प्यास बुझाने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है। बता दें कि मई माह में दिनों दिन तापमान बढ़ता ही जा रहा है। संभाग के जंगलो मे पानी का बंदोवस्त न के बराबर है। ऐसी स्थिति में जंगलो में स्वछंद विचरण करने वाले जानवर शहरी क्षेत्र में निरंतर घुस रहे हैं जो आवारा कुत्तों का शिकार हो रहें हैं।

दोषियों पर होंगी कार्रवाई-
इस पूरे मामले में जब एसडीओ फॉरेस्ट बादशाह रावत से बातचीत की गई तो उनका कहना है कि पानी की व्यवस्था जंगल में कराई गई है। काफी गर्मी पड़ रही है, जिसकी वजह से जंगल में पानी की कमी है। चीतल शहरी क्षेत्र में आ रहे हैं और कुत्ते उन्हें अपना शिकार बना रहे हैं। बीट गार्ड को एवं चौकीदारों को निर्देश दिए गए थे कि उनकी निगरानी बनाए रखें, लेकिन दोबारा फिर ऐसी घटना घटी है। मामले पर डीएफओ मैडम जांच करवाएंगी, जांच में जो दोषी होगा उसे पर कार्रवाई भी की जाएगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button