मध्यप्रदेश

लापरवाही बरतने वाले 9 आउटसोर्स मीटर वाचकों की सेवाएं समाप्त, 76 का वेतन काटा

मीटर रीडरों पर निगरानी रखने के निर्देश

भोपाल। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग में लापरवाही बरतने के आरोप में सेवा प्रदाता कंपनी के माध्यम से कंपनी कार्यक्षेत्र में कार्यरत 9 मीटर वाचकों को ड्यूटी से पृथक करने के साथ ही 76 मीटर वाचकों का वेतन काटा है। इसी प्रकार 162 मीटर वाचकों को कार्य में लापरवाही बरतने के चलते चेतावनी जारी की गई है। गौरतलब है कि ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सही मीटर रीडिंग के आधार पर ही बिजली बिल जारी किया जायें।

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बताया है कि उपभोक्ताओं के परिसर में स्थापित मीटर की फोटो मीटर रीडिंग में लापरवाही बरतने और गलत मीटर रीडिंग लेने पर मीटर वाचकों पर सख्त कार्यवाही किये जाने के निर्देश जारी किये गये हैं। कंपनी कार्यक्षेत्र के रायसेन में 3, सीहोर में 3 एवं दतिया,भिण्ड व राजगढ़ में एक-एक आउटसोर्स मीटर वाचक को आदेशों की अवहेलना और मीटर वाचन में लापरवाही बरतने के आरोप में सेवा से पृथक किया गया है।

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक श्री क्षितिज सिंघल ने मैदानी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देशित किया है कि उपभोक्ताओं के परिसर पर एक्युरेसी (शुद्धता) के साथ मीटर वाचन होना चाहिए और मीटर रीडिंग के आधार पर ही उपभोक्ताओं को विद्युत देयक दिए जाएं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि मीटर वाचकों के कार्य पर निष्ठा एप के द्वारा निगरानी रखी जाए और जो मीटर वाचक कर्तव्य पालन में लापरवाही बरत रहे हैं,उन्हें सेवा से पृथक किया जाए।

प्रबंध संचालक ने कहा कि उपभोक्ता मीटर रीडिंग होती है तो वे मीटर वाचक द्वारा ली गई रीडिंग और मीटर में दर्ज रीडिंग पर नजर रखें ताकि सही देयक मिल सके। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रयास हैं कि बिलिंग संबंधी शिकायतों को शून्य लेवल पर लाया जाए। कंपनी के प्रबंध संचालक श्री क्षितिज सिंघल ने कहा कि फोटो मीटर रीडिंग निष्ठा एप के माध्यम से की जा रही है।

दरअसल फोटो मीटर रीडिंग ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मानवीय हस्तक्षेप बिल्कुल नहीं है और मीटर वाचन में अंकित वाचन की फोटो खींचकर सिस्टम में अपलोड की जाती है। मीटर वाचकों पर कड़ी निगरानी और लापरवाही बरतने वाले मीटर वाचकों को सेवा से मुक्त किये जाने की कार्यवाही के कारण उपभोक्ताओं को काफी राहत मिली है। कंपनी के शहरी क्षेत्रो में क्यूआर कोड लगाने के कारण भी फायदा मिला है एवं इससे मीटर वाचन की प्रक्रिया जल्दी हो रही हैं।

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