अहिल्या उद्धार, नगर दर्शन व फुलवारी लीला का रोमांचक मंचन
रामलीला मैदान में आज मिथिला नगरी में बनी पुष्प वाटिका अपनी अनोखी छठा बिखेर रही थी, गौरा मंदिर और अहिल्या उद्धार के निराले दृश्यों ने दर्शकों का मन मोह लिया

छतरपुर। नगर के राम चरित मानस भवन में चल रही रामलीला मंचन के पांचवे दिन अहिल्या उद्धार व जनकपुर में पुष्प फुलवारी लीला का कलाकारों की ओर से बेहतरीन मंचन किया गया। जिसे देख दर्शक भावविभोर हो गए। समिति के मीडिया प्रभारी ने बताया कि सोमवार की रात नगर छतरपुर की रामलीला में जब प्रभु श्रीराम छोटे भाई लक्ष्मण के साथ जंगल से गुजर रहे थे, तभी उन्हें मार्ग में बड़ी शिला दिखाई दी।
प्रभु के पूछने पर गुरु विश्वामित्र ने बताया कि भगवन इस शिला को आपकी कृपा का इंतजार है। कृपादृष्टि होने पर श्राप से शिला बनकर खड़ी अहिल्या का उद्धार हो जाएगा। तभी श्रीराम के पैर से स्पर्श होते ही शिला अहिल्या के रूप में बदल जाती है। जनकपुरी के लोग श्रीराम और लक्ष्मण की छवि देखकर मोहित हो जाते हैं और आपस में कहते हैं की यह किस देश के सुंदर राजकुमार हैं। श्रीराम ने जनकपुर की फुलवारी का भ्रमण किया। मंच सहित पूरे पंडाल की भव्य सजावट की गई थी।
जनकपुर के बाजार में बर्तन, कपड़े, फल और कई प्रकार की दुकानें भी सजी थीं। गुरु विश्वामित्र श्रीराम को आज्ञा देते हैं कि जाओ राम और पूजा के लिए वाटिका से फूल तोड़ लाओ। फूल लेने जाते समय प्रभु श्रीराम की भेंट माता सीता से होती है। उन्होंने पति के रूप में पाने के लिए मां गौरी का पूजन किया। राम चरित मानस भवन में चल रही रामलीला महोत्सव में समिति के संरक्षक मंडल सहित शहर के व्यापारियो ने भगवान श्री राम की आरती कर आशीर्वाद लिया।
उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम ने हमेशा मर्यादा का पालन किया। इसलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम कहते हैं। एक आदर्श जीवन जीने के लिए भगवान श्री राम के रास्ते पर चलना होगा। इस मौके पर श्री राम लीला के संरक्षक जयनारायण अग्रवाल, हरगोविंद गुप्ता, परशुराम शुक्ला, बरिष्ट उपाध्यक्ष कौशल किशोर दीक्षित व समिति के अध्यक्ष कु.दृगेन्द्र देव सिंह चौहान, महामंत्री अभिषेक चतुर्वेदी, कार्य संयोजक बाॅबी असाटी , गिरजा पाटकर, अमित जैन सहित समिति अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।