छतरपुरमध्यप्रदेशसागर संभाग

पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर शहीद पार्क में आयोजित कार्यक्रम, कैंडल जलाकर शहीदों को किया गया नमन

पुलिस एवं छात्र-छात्राओं द्वारा कविता एवं नाट्य अभिनय के माध्यम से दी गई प्रस्तुति

छतरपुर। लद्दाख के ‘हॉट स्प्रिंग्स’ में 21 अक्टूबर 1959 को भारी हथियारों से लैस चीनी सैनिकों द्वारा घात लगाकर किये गए हमले में 10 पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी के दौरान शहीद हो गये। तब से इन शहीदों और कर्तव्य निभाते हुए ड्यूटी के दौरान शहीद हुए सभी पुलिस कर्मियों को सम्मानित करने के लिए हर साल 21 अक्टूबर को ‘पुलिस स्मृति दिवस’ मनाया जाता है।

आज प्रातः पुलिस लाइन छतरपुर के शहीद पार्क में पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर पुलिस स्मृति परेड का आयोजन किया गया। एवं सायं काल शहीद पार्क में शहीदों की स्मृति में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक छतरपुर श्री अगम जैन द्वारा लेह लद्दाख में एक वीर सैनिक की सच्ची घटना का वर्णन किया। वर्ष 2007 में छतरपुर जिले में थाना नौगांव चौकी लुगासी में पदस्थ आरक्षक जितेंद्र सिंह निवासी जिला बलिया उत्तर प्रदेश जो लवकुश नगर क्षेत्र में बदमाशों से मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हुए थे, उनके परिचय एवं कार्य के संबंध में बताया गया, पारिवारिक पृष्ठभूमि बताई गई।

छतरपुर विधानसभा से विधायक श्रीमती ललिता यादव द्वारा कठिन परिस्थितियों में अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठा के साथ कर्तव्य निभाने वाले पुलिस के प्रति संवेदना हेतु जनसंदेश दिया गया। महिला आरक्षक रीना पटेल एवं आरक्षक उमेश द्वारा कविता के माध्यम से प्रस्तुति दी गई। उत्कृष्ट विद्यालय क्रमांक 1 एवं ग्लोरियस स्टार अकैडमी स्कूल से छात्र-छात्राओं द्वारा कविता एवं नाट्य माध्यम से अभिनय कर प्रस्तुति दी गई।

एक सिपाही के जीवन एवं उसके परिवार के संघर्ष का नाट्य माध्यम से अभिनय किया गया। शहीद होने के बाद परिवार की क्या स्थिति होती है, प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में किए गए अभिनय एवं प्रस्तुति ने उपस्थित सभी लोगों को भावुक कर दिया, आंखें नम कर दी। कार्यक्रम के समापन के समय सभी पुलिस अधिकारी, जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, पत्रकार बंधु एवं छात्र-छात्राओं सहित उपस्थित सभी लोगों द्वारा शहीद स्तंभ के चारों तरफ कैंडल जलाई गई। शहीदों को नमन किया गया। कार्यक्रम के आयोजनकर्ता अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री विक्रम सिंह एवं व्यवस्थापक रक्षित निरीक्षक रक्षित केंद्र छतरपुर पूर्णिमा मिश्रा थी।

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