दुःख के समान उपकारी कोई नहीं: डॉ तुलसीदास परौहा, सुख समृद्धि के लिए श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन, भक्तिमय वातावरण बना हंतला ग्राम

कटनी। विजयराघवगढ़ मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर ग्राम हंतला दुर्गा मंदिर प्रांगण में आयोजित श्री मद्भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह कथा का शुभारम्भ, कथा व्यास डॉ तुलसीदास परौहा जी ने श्रीमद् भागवत कथा को श्रवण कराते हुए कहा दुःख के समान उपकारी कोई नहीं है। किन्तु दुःख का प्रत्युपकार कोई कर नही सकता।उसके तो हम ऋणी बने रहेंगे। क्यों कि दुःख बेचारे की अमरता नहीं है। इसलिए दुःख आने पर भगवान की बड़ी कृपा माननी चाहिए।

इस सत्य को समझने के लिए मनुष्य जाति में बहुत कम लोग हुए हैं। माता कुंती ने इसे समझा और अपने जीवन में भगवान से दुःख ही मांगा था। दुखो के आते ही इंसान सब कुछ भुल कर ईश्वर की शरण मे जाता है अपनो की पहचान होती है। कार्यक्रम के आयोजक कथा को श्रवण कर सभी को कथा का रसपान करा परोपकारी कार्य कर रहे है। आयोजक श्रीनिवास उपाध्याय,श्रीधर शास्त्री,रामनिवास उपाध्याय,तरुण उपाध्याय ने श्रद्धालुओं से अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होने का आग्रह किया है।
आज कथा श्रवण करने के लिए पं अवधराज तिवारी,पं विमलेन्दु पयासी,वेदाचार्य पं राकेश उरमलिया, पं राममनोहर दुबे,मनोज उपाध्याय,राजेश उपाध्याय,मुरली मिश्रा,संदीप उपाध्याय,अजय परौहा, पत्रकार शेरा मिश्रा सहित अन्य भक्तों की उपस्थिति रही। कथा श्रवण करने वाले भक्तों ने बताया की कथा व्यास डॉ तुलसीदास परौहा जी के मुखारविंद से अलौकिक ज्ञानगंगा का संचार हो रहा है। साप्ताहिक संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा मे हजारो लोगों की संख्या मे भक्तो की उपस्थिति देखी जा रही है।
(शेरा मिश्रा पत्रकार विजयराघवगढ़ कटनी)