राष्ट्रीय पुस्तकालय सप्ताह का भव्य समापन, प्राचार्य की पुस्तक का भी हुआ लोकार्पण। पुस्तक प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रही

पुस्तकें व्यक्ति को जीवन जीने की कला सिखाती हैं: पं०अभिषेक भार्गव
@गढ़ाकोटा पीएल पटेल। शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गढ़ाकोटा में राष्ट्रीय पुस्तकालय सप्ताह का समापन समारोह नगर के नटराज ऑडिटोरियम में गरिमामयी वातावरण में संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा नेता श्रीअभिषेक भार्गव रहे। विशिष्ट अतिथियों के रूप में पूर्व प्राचार्य डॉ. श्याम मनोहर पचौरी, नगरपालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि श्री मनोज तिवारी तथा जनभागीदारी अध्यक्ष श्री शामिक कुमार शर्मा की गरिमामय उपस्थिति रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. घनश्याम भारती ने की।

समारोह की रूपरेखा एवं गतिविधियों का विवरण कार्यक्रम प्रभारी एवं पुस्तकालयाध्यक्ष श्रीमती शिम्पी मौर्या द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन सुश्री आकृति खरे ने किया। पुस्तक प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रही। समारोह का शुभारंभ अतिथियों द्वारा गणेश पूजन एवं मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुआ। छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना, गणेश वंदना तथा स्वागत गीत का प्रस्तुतीकरण किया गया।

मुख्य अतिथि पंडित श्री अभिषेक भार्गव ने अपने उद्बोधन में पुस्तकों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पुस्तकें हमें जीवन जीने की कला सिखाती हैं। पुस्तकें जीवन को नई दिशा और विचारों को परिपक्वता प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि अध्ययन से धैर्य, संयम और नैतिक मूल्य विकसित होते हैं तथा तकनीक के बढ़ते दौर में भी पुस्तकों की महत्ता अक्षुण्ण बनी रहती है। उन्होंने विद्यार्थियों को नियमित पठन पाठन की आदत विकसित करने की प्रेरणा दी।

विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा—“नियमित पठन आदत व्यक्ति के भीतर चिंतन, संवेदना और अनुशासन विकसित करती है। जो विद्यार्थी पुस्तकों से जुड़ते हैं, वे न केवल शैक्षणिक रूप से, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ते हैं। विशिष्ट अतिथि डॉ. श्याम मनोहर पचौरी ने पुस्तकालय विज्ञान के पाँच सूत्रों की व्याख्या करते हुए पुस्तकालय को ज्ञान वितरण का प्रभावी माध्यम बताया।
श्री मनोज तिवारी ने कहा कि पुस्तकें चरित्र निर्माण का सशक्त साधन हैं और पुस्तकालय से जुड़ा विद्यार्थी सदैव प्रगति के पथ पर अग्रसर होता है।

श्री शामिक कुमार शर्मा ने कहा कि पुस्तकालय किसी भी शैक्षणिक संस्थान की बौद्धिक पहचान और शक्ति होता है। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. घनश्याम भारती द्वारा रचित पुस्तक ‘नई शिक्षा नीति 2020 : विविध आयाम’ का विमोचन रहा। डॉ. भारती ने बताया कि यह कृति नई शिक्षा नीति के प्रमुख बिंदुओं को सरल एवं स्पष्ट भाषा में विद्यार्थियों और शिक्षकों का मार्ग प्रशस्त करती है। प्राचार्य डॉ भारती ने अपने उद्बोधन में कहा गया कि राष्ट्रीय पुस्तकालय सप्ताह न केवल पुस्तकों का उत्सव है, बल्कि ज्ञान, चिंतन और बौद्धिक विकास का संगम है।
कार्यक्रम प्रभारी एवं ग्रंथपाल सुश्री शिम्पी मौर्य ने राष्ट्रीय पुस्तकालय सप्ताह के तहत आयोजित गतिविधियों की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि “Know Your Library” शीर्षक के अंतर्गत विद्यार्थियों को पुस्तकालय में उपलब्ध संसाधनों की जानकारी दी गई, ई-रिसोर्सेज पर विस्तृत परिचय कराया गया तथा विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु रीडर्स क्लब का गठन किया गया। उन्होंने कहा कि पुस्तकालय ज्ञान, अनुशासन और व्यक्तित्व निर्माण का प्रमुख आधार है। समारोह में महाविद्यालय के विद्यार्थियों एवं समस्त स्टाफ ने उत्साहपूर्वक भागीदारी निभाई।











