छतरपुर

भविष्य में बिजावर विधानसभा के किसानों को मिलने वाला है बड़ा लाभ,ईशानगर के पावर ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट का बिजावर विधायक ने किया निरीक्षण

@छतरपुर-आशुतोष द्विवेदी। बिजावर विधानसभा क्षेत्र के दिदौल गांव में चल रहे महत्वकांक्षी ईशानगर पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड प्रोजेक्ट का शनिवार को बिजावर विधायक राजेश शुक्ला बबलू ने निरीक्षण किया। विधायक ने इस परियोजना को भारत सरकार द्वारा लाई गई एक अत्यंत महत्वपूर्ण योजना बताते हुए कहा कि यह बिजावर विधानसभा के लिए एक बड़ा सौभाग्य है।

विधायक राजेश शुक्ला ने बताया कि यह बिजली से संबंधित यह 500 करोड़ की एक विशाल परियोजना है, जिसकी क्षमता 765 केवीए है और कुल कैपेसिटी 4000 मेगावाट की होगी। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में केवल तीन-चार जगह ही इतने बड़े प्लांट हैं और यह दिदौल में स्थापित हो रहा है। विधायक ने इस परियोजना के माध्यम से क्षेत्र के किसानों को मिलने वाले बड़े लाभ पर विशेष बल दिया।

उन्होंने कहा कि भविष्य में किसानों को बड़ा लाभ होने वाला है, क्योंकि वे अपनी जमीन को किराए या लंबी अवधि की लीज पर दे सकते हैं। इससे बाहर के कॉन्ट्रैक्टर या लोकल लोग बिजली बनाने का कॉन्ट्रैक्ट ले सकते हैं, जिससे किसानों को उपार्जन के साथ-साथ लीज से भी फायदा होगा।

उन्होंने विश्वास जताया कि इससे किसानों की आय के स्रोत निश्चित तौर पर बढ़ेंगे और सिंचाई में होने वाली परेशानी कम होगी। विधायक ने कहा कि बरेठी, जो बिजावर विधानसभा का हिस्सा है, वहां से 630 मेगावाट बिजली आती है, जो ईशानगर पहुंचेगी। वहीं, ईशानगर पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड के प्रोजेक्ट डायरेक्टर आदित्य किसले ने बताया कि यह भारत सरकार की रिन्यूएबल एनर्जी जेनरेशन (नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन) से जुड़ी योजना है, जिसका उद्देश्य जनरेशन कैपेसिटी बढ़ाना है।

उन्होंने बताया कि यह ट्रांसमिशन सिस्टम एनटीपीसी और अन्य प्राइवेट डेवलपर्स से रिन्यूएबल सोर्स से आने वाली बिजली को फीड करेगा और इंटर-स्टेट सिस्टम में मध्य प्रदेश को भी बिजली सप्लाई होगी। आदित्य किसले के अनुसार, अभी इसकी कुल क्षमता 4000 मेगावाट की है, जिसमें 765 केव्ही पर 3000 मेगावाट और 400 केव्हीपर 1000 मेगावाट शामिल है। उन्होंने दावा किया कि इससे क्षेत्र के लोगों को अधिक देर तक बिजली सप्लाई, रिलाएबल पावर और सस्ता पावर जैसी सुविधाएं मिलेंगी। विधायक राजेश शुक्ला बबलू ने आशा व्यक्त की कि यह योजना, जो अभी 15-20 किलोमीटर में जुड़ी है, धीरे-धीरे अपनी क्षमता बढ़ाएगी और क्षेत्र में बिजली उत्पादन की क्षमता में भी वृद्धि होगी।

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