आरक्षक की हत्या कर शव झाड़ियों में फेंका

मध्यप्रदेश। ग्वालियर में पुलिस आरक्षक की हत्या का मामला सामने आया है। हत्या का आरोप पिता और छोटे भाई पर लग रहा है। पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया है। पिता ग्वालियर में SAF की 13 बटालियन में प्रधान आरक्षक है, जबकि मृतक अनुराग राजावत भोपाल जिला पुलिस बल में आरक्षक (चालक) के पद पर पदस्थ था। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
वहीं एडिशनल एसपी अमृत मीणा ने जानकारी में बताया की बुधवार-गुरुवार की दरम्यानी रात करीब डेढ़ बजे जब पुलिस गश्त पर थी, तभी गिरवाई थाना क्षेत्र में एक बाइक पर तीन लोग उन्हें दिखाई दिए। पुलिस ने जब उन्हें टोका तो उन लोगों ने अनुसना कर गाड़ी आगे बढ़ा दी। थोड़ी देर बाद जब बाइक सवार लौटा तो तीसरा व्यक्ति गायब था, पुलिस को आशंका हुई तो उसने पड़ताल शुरू की।
झाड़ियों में मिला आरक्षक का शव-
कुछ दूर जाकर 13 बटालियन SAF की बाउंड्री के पास झाड़ियों में पुलिस को एक डेड बॉडी दिखाई दी, बॉडी अकड़ी हुई थी। पुलिस ने बॉडी को मोर्चरी में पहुंचाया। मृतक की पहचान भोपाल जिला पुलिस बल में तैनात आरक्षक (चालक) अनुराग राजावत उर्फ शानू के रूप में हुई। पुलिस ने जब जांच आगे बढ़ाई तो पता चला कि ये 13 बटालियन में पदस्थ अपने पिता प्रधान आरक्षक सुखबीर राजावत के घर पर ही था। ये तीन दिन पहले भोपाल से ग्वालियर आया था, ये बड़ा बेटा था। छोटे का नाम गोविंद है, कल इनके बीच झगड़ा भी हुआ था। मृतक स्मैक और शराब का नशा करता था, उसकी शादी नहीं हुई थी। इसको लेकर वो पिता से झगड़ा करता था।
पुलिस हिरासत में पिता और भाई-
मृतक के हाथ पैर में रस्सी के निशान मिले, जिससे लगता है कि उसे बांधा गया था। सिर में भी चोट के निशान हैं। शरीर अकड़ा हुआ था, जिससे पता चलता है कि मौत शव फेंकने के पांच छह घंटे पहले ही हो गई थी। पुलिस ने पिता और छोटे बेटे दोनों को हिरासत में ले लिया है और पूछताछ की जा रही है।
वहीं, शुरुआती पूछताछ में सामने आया है मृतक अनुराग की शादी नहीं हुई थी, वो इस बात के लिए माता पिता से झगड़ा करता था। कल भी इसी बात के लिए झगड़ा हुआ, दिन भर विवाद होता रहा।घटना के समय मृतक की मां नहीं थी, तीनों पुरुष ही थे। मृतक आरक्षक अनुराग शादी नहीं करने के लिए माता पिता को दोष देता था। जबकि पिता सुखबीर का कहना है कि ये नशा करता था। इसलिए शादी का विचार नहीं बनाया। फिलहाल, गिरवाई थाना पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच में ले लिया है।