मंत्री कलेक्टर जिला सीईओ से लेकर जनपद सीईओ तक सब मेरी जेब में रहते हैं: पंचायत सचिव
जिले का एक ऐसा सचिव जिसे प्रदेश सरकार से लेकर जिले के आला अधिकारियो का नहीं डर

मध्यप्रदेश। प्रदेश के छतरपुर जिले में एक ऐसा पंचायत सचिव हैं जिसकी जेब में प्रदेश सरकार के मंत्री से लेकर जिले के कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ व जनपद सीईओ सब इसकी जेब में रहते हैं और यह सचिव वेधड़क होकर जहां रहता हैं भर्ष्टाचार कर्ता हैं और जेब की खनक से बचने का प्रयास कर्ता हैं इतना नहीं जिसका जीता जगता सबूत इसके कई शासकीय राशि के गवन के आरोप भी हैं जिसमे इससे आजतक कोई बसूली नहीं हुई हैं।
जी हा हम बात कर रहें हैं जिले के अंतिम छोड़ पर स्थित जनपद पंचायत गौरिहार के ग्राम पंचायत मुड़हरा में पदस्त ग्राम पंचायत सचिव संजीव कुमार श्रीवास की जो जिस पंचायत में रहता हैं हमेशा विवादों में रहता हैं कहीं निर्माण कार्यों के भृष्टचार कों लेकर तो कभी कभी हितग्राही मूलक योजनाओं का लाभ हितग्राहियो कों देने के एवज में कुछ जेब में रखने के बाद ही उसे हितग्राही मूलक योजना का लाभ मिलता हैं। जिस हितग्राही के के पास सचिव की जेब में कुछ रखने कों नहीं होता उसे हितग्राही मूलक योजना का लाभ तो मिलता नहीं ब्याज में उस हितग्राही की चप्पल जरुरत धिस जाति हैं सचिव के चक्कर लगाते-लगाते।
जेसीबी मशीन के खोदे खेत तालाव नहीं हुई कार्यवाही-
ग्राम पंचायत सचिव के द्वारा मजदूरों कों रोजगार देने की जगह जेसीबी मशीन से जगप्रसाद द्विवेदी पिता रामाधीन द्विवेदी निवासी ग्राम पंचायत मुड़हरा व मुन्नी चंसोरिया ग्राम पंचायत मुड़हरा का खेत तालाब जेसीबी मशीन से खुदवा कर मजदूरों ले फर्जी नाम मस्टर में दर्ज कर 50 प्रतिशत राशि आहरित कर ली गई हैं।
वहीं ग्राम पंचायत मुडहरा में 2020 -21 मे बजरंग सागर तालाब में चेकडैम का निर्माण कार्य किया गया था जो की स्वीकृति लागत 14 लाख 99000 हजार की लागत से निर्मित किया था। जो उसका वर्तमान स्थिति में ऊपर से मिट्टी डाल दी गई हैं जो वर्तमान समय में कुछ पता ही नहीं है चेक डेम का की है की नही राशि का पूर्ण रूप से दुरुपयोग किया गया है।
इतना ही नहीं ग्राम पंचायत मुडहरा में साफ सफाई हेतु लाखो रुपए किए आहरित जो की कभी भी सफाई कार्य नही किया जाता है जो की गंदगी का अंबार लगा है ग्राम पंचायत में जो जिले के आला अधिकारी खुद जाकर देख सकते हैं।
पात्र हितग्राही मूलक योजना में जो शासन के निर्देशानुसार पात्र हितग्राहियों कों लाभान्वित किया जाना है उनको लाभ नहीं दिया जाता है जो उनको काम के एवज में रुपए दे चाहे पात्र हो या अपात्र उसको लाभ दिया जाता है। शासन की कोई भी किसी योजना में हो गरीब व्यक्ति लाभ से वंचित है। जो आवास की नीचे वाली बीम को 1 माह से ज्यादा का समय हो गया है जो मकान का काम बंद चल रहा है इसी कारण समय अनुसार लोग परेशान होने के कारण लोगों द्वारा सहिबानो की कार्य शैली को देखकर सीएम हेल्पलाइन में शिकायते भी बढ़ रही है
मनरेगा योजना से भी हितग्राही मूलक योजनाओं में जमकर भ्रस्टाचार किया गया है जिन हितग्राहियो ने असल में काम किया है उनके खाते में आजतक पेमेंट नहीं भेजा गया और जिन लोगो के द्वारा कभी भी कार्य नहीं किया गया ग्राम पंचायत में उनके खातों में मनरेगा योजना का पैसा डालते हुए अपनी जेब का बजन सचिव द्वारा बढ़ाया जा रहा हैं और शासकीय योजनाओ की राशि ठिकाने लगाने में लगे हुए हैं।
स्वछता मिशन की राशि का भी हुआ बन्दरबाट- इतना ही नहीं स्वछता मिशन में भी राशि का जमकर बन्दर बाट किया जा रहा हैं सफाई के नाम पर राशि तो निकाली जाती हैं लेकिन ग्राम पंचायत में कभी भी साफ़ सफ़ाई का कार्य नहीं करवाया जाता है जो पूरे ग्राम के अंदर गंदगी का अंबार लगा हुआ है जगह जगह गंदगी के बड़े बड़े ढेर लगे हुए हैं और सचिव /रोजगार सहायक नियुक्त किए गए हैं जो ग्राम के लोगो के काम के एवज अनैतिक मांग की जा रही है जो वरिष्ठ अधिकारी की छवि को धूमिल किया गया है। जिन हितग्राहियों को पीएम आवास योजना के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को लाभ मिलना चाहिए तो रुपए लेकर उनकी जगह उनके ही नाम का जो की सूची अनुसार फिर भी दूसरे व्यक्ति को लाभ दिया गया है अब वह व्यक्ति परेशान हैं जिसका आवास योजना में नाम है और दूसरे व्यक्ति को लाभ दे दिया गया है। सारे नियमों कों धता बताकर सचिब संजीब कुमार श्रीवास जमकर भृष्टचार कर रहा हैं।
मंत्री कलेक्टर जिला पंचायत सीईओ जनपद सीईओ सब मेरी जेब में रहते हैं-
इतना ही नहीं एक आवेदन के द्वारा 7/12/2023 द्वारा सूचना का अधिकार आवेदक जनपद में लगाकर जब पंचायत से जानकारी चाही गई तो जनपद पंचायत गौरिहार द्वारा यह आवेदन ग्राम पंचायत कों भेज दिया और सचिव ने आवेदन कों बगैर पेज गिने 12900 रूपए की अनुमानित राशि जमा करने का पत्र तो जारी किया लेकिन वह एक नहीं दो जगह गलती कर गया। पहली गलती यह की उसने पत्र में तो 6/01/2024 समय सीमा में पंचायत से भेजना दिखाया लेकिन उसकी रजिस्ट्री 18/01/2024 कों की जो आवेदक कों 25/01/2024 कों प्राप्त हुआ जब आवेदक ने फोन पर बात की तो सचिव ने कहा मैंने जो किया सही किया आपको जो करना हैं करो मेरा कुछ नहीं होगा मंत्री कलेक्टर जिला पंचायत सीईओ जनपद सीईओ सब मेरी जेब में रहते हैं मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
सरपंच ने की जिला पंचायत सीईओ से सचिव कों हटाने की मांग-
वहीं ग्राम पंचायत के सरपंच अशोक प्रजापति ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत से पंचायत में पदस्त सचिव संजीव कुमार श्रीवास कों दिनांक 29/01/2024 एवं 14/02/2024 कों हटाने हेतु आदेवन दिया हैं जिसमे यह 30 किलोमीटर दूर महोबा उत्तरप्रदेश में निवास कर्ता हैं। जिससे निर्माण कार्य प्रभावित हो रहें हैं साथ में हितग्राहियो कों हितग्राही मूलक योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा हैं। जिसे ग्राम पंचायत से हटाने की मांग की हैं। अब देखना होगा की इस सचिव पर जिले के आला अधिकारी कार्यवाही करतें हैं या सचिव की जेब में पहुंचते हैं।