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बड़ी खबर: SP-DSP समेत 19 लोगों पर अपहरण और जबरन वसूली का आरोप, मामला दर्ज

नई दिल्ली। गुजरात के कच्छ जिले में एक फर्म के एक कर्मचारी के अपहरण और उनसे जबरन नसूली के मामले में दो पुलिस अधीक्षक (एसपी) और तीन अन्य वरिष्ठ पुलिसकरमियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा गुजरात हाई कोर्ट के आदेश पर रोक हटाने के लगभग एक महीने बाद अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने गुरुवार को दो एसपी, तीन डीएसपी, एक सब-इंस्पेक्टर और इलेक्ट्रोथर्म लिमिटेड के मालिक पर एफआईआर दर्ज की है।

एसपी, डीएसपी समेत अन्य वरिष्ठ पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज-
सीआईडी की तरफ से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि कच्छ जिले के गांधीधाम के निवासी परमानंद सीरवानी ने कंपनी के दो मालिकों और 11 अन्य लोगों के खिलाफ अपहरण और जबरन वसूली की शिकायत दर्ज करवाई थी। एफआईआर में कच्छ के पूर्व एसपी जीवी बारोट और भावना पटेल और डीएसपी आरडी देसाई, डीएस वाघेला और वीजे गढ़वी, और सब-इंस्पेक्टर एनके चौहान का नाम शामिल है।

शिकायतकर्ता 2011 में इलेक्ट्रोथर्म लिमिटेड में काम करता था, जहां से बाद में उसने इस्तीफा दे दिया था, लेकिन कंपनी के मालिक शेलेश भंडारी और अनुराग भंडारी बार बार उसके इस्तीफे को खारिज कर रहे थे। 2015 में सीरवानी को अपहरण करके अहमदाबाद में कंपनी के बंगले पर बंधक बनाकर रखा गया था। पीड़ित को नकद, सोने चांदी और संपत्ति देने के लिए जबरन कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवाया गया।

पीड़ित ने कार्रवाई न होने पर लिया अदालत का सहारा-
आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 420, 323, 347, 348 और 364 के तहत मामला दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता और उसकी पत्नी छह दिसंबर 2015 से चार फरवरी 2016 तक आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के लिए संबंधित अधिकारियों के पास गए, लेकिन इसपर कोई कार्रवाई की गई थी। हालांकि, कार्रवाई न होने पर उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। 10 अक्तूबर 2019 में हाई कोर्ट ने अधिकारियों को एफआईआर दर्ज का निर्देश दिया था, लेकिन आरोपी को सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिल गया था। इस साल 16 जनवरी को स्टे हटा लिया गया था।

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