समय पर जाँच और आयुष्मान कार्ड की वजह से पवन बना कैंसर सर्वाइवर

छतरपुर ज.सं। ओरल कैंसर मतलब मुँह का कैंसर भारत में एक बड़ी समस्या है और यह देश में शीर्ष तीन प्रकार के कैंसर में शुमार है।
बात है पवन की जो एक किसान है उसकी उम्र 35 वर्ष है और वह ग्राम मानपुर ब्लॉक सटई का निवासी है। जब वह अप्रैल 2023 में जिला अस्पताल छतरपुर में अपने बाएँ तरफ जीभ में हो रहे छाले का इलाज करवाने आया। उसको छाला पिछले 2-3 महीने से हो रहा था। वह जिला अस्पताल की सेंट्रल पैथोलॉजी में डॉ. श्वेता गर्ग के पास गया। और पूछने पर बताया कि वह गुटखा का सेवन करता है और डॉ. गर्ग द्वारा उसके छाले की स्क्रेप साइटोलॉजी की जाँच कर सैंपल लिया गया। स्क्रैप साइटोलॉजी एक एक्सपर्ट जाँच होती है। स्क्रैप साइटोलॉजी की जाँच से जीभ में बन रहे स्क्वॉमस सेल कैंसर की पुष्टि हुई जो अभी शुरुआती स्टेज में था।
पवन को कैंसर के इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए प्रेरित किया गया। डॉ. श्वेता गर्ग ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर. पी. गुप्ता को पवन के पास आयुष्मान कार्ड ना होने की जानकारी दी तो डॉ. गुप्ता ने भी पवन को आयुष्मान कार्ड के बारे में जानकारी दी और बनवाने में सहयोग किया। समय पर सही जाँच और आयुष्मान कार्ड से कैंसर का इलाज मिलने की वजह से पवन अब कैंसर सर्वाइवर है और वह फिर से अपने खेतों में काम कर पाने में सक्षम है।